नई दिल्ली January 31, 2011
मजबूत मांग के सहारे तांबे के भाव लगातार ऊपर चढ़ रहे हैं। इस साल भी इसकी मांग में मजबूती बनी हुई है। इसका असर तांबे की कीमतों पर दिख रहा है। प्रमुख उपभोक्ता देश चीन से खरीदारी बढऩे के कारण तांबे की कीमतों में तेजी का रुख है। धातु विश्लेषकों और कारोबारियों का कहना है कि घरेलू बाजार में भी बिजली और निर्माण उद्योग की ज्यादा मांग के कारण दाम चढ़ रहे हैं। दरअसल गर्मियों में कूलर, पंखे बनाने में वायर के लिए इसकी मांग बढ़ जाती है। एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल तांबे का उत्पादन मांग के मुकाबले करीब 4 लाख टन कम था। इस कारण भी कीमतों में तेजी को बल मिला है। साल भर तांबे के दाम मजबूत रहने के आसार हैं।पिछले दो माह के दौरान लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) में तांबे के दाम 9000 डॉलर से बढ़कर 9700 डॉलर प्रति टन हो गए। सप्ताह भर में चीन की जबरदस्त खरीदारी से तांबे के दाम 220 डॉलर प्रति टन बढ़ चुके हैं। इस दौरान घरेलू वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में तांबा अप्रैल 2011 वायदा के दाम 391 रुपये से बढ़कर 450 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुके हैं। सप्ताह भर में तांबा फरवरी अनुबंध के दाम 439 रुपये बढ़कर 448 रुपये प्रति किलो हो गए हैं।कमोडिटी इनसाइट डॉट कॉम के वरिष्ठï धातु विश्लेषक अभिषेक शर्मा ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि चीन की ओर से तांबे की मजबूत मांग बनी हुई हैं और 3 फरवरी के बाद से चीन में लूनार नव वर्ष के कारण बाजार बंद रहने वाले है। इसे देखते हुए तांबे की खरीदारी तेज हो गई है। इस कारण तांबे की कीमतों में तेजी का दौर बना हुआ है।ऐंजल ब्रोकिंग के धातु विश्लेषक अनुज गुप्ता मजबूत मांग की वजह से तांबे की तेजी से इत्तेफाक रखते हैं। भारत में तांबे की मांग के बारे में दिल्ली के तांबा कारोबारी सुरेश चंद्र गुप्ता कहते है कि निर्माण और बिजली क्षेत्र में काम अच्छा होने से घरेलू मांग भी बढ़ी है, जिससे कीमतों में तेजी का रुख है। वैश्विक खपत के बारे में शर्मा बताते हैं कि यूरोपीय संघ, जापान और अमेरिका में आर्थिक स्थितियां पहले से सुधर रही हैं। ऐसे में इन देशों में तांबे की मांग में भी तेजी से सुधार हुआ है। इंटरनैशनल कॉपर स्टडी ग्रुप (आईसीएसजी) की ताजा रिपोर्ट में भी वैश्विक बाजार में तांबे की खपत बढऩे की बात निकलकर सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2010 के पहले 10 माह के दौरान तांबे की खपत 7.5 फीसदी बढ़ी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दौरान यूरोपीय संघ के देशों में तांबे की खपत में 11 फीसदी, जापान में 24 फीसदी और अमेरिका में 7 फीसदी का इजाफा हुआ है। साथ ही मुख्य उपभोक्ता देश चीन में भी तांबे की खपत 3.6 फीसदी बढ़ी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2010 के पहले 10 माह के दौरान उत्पादन मांग के मुकाबले 4 लाख टन कम था, जबकि वर्ष 2009 की समान अवधि में उत्पादन 32,000 टन का सरप्लस रहा था। (BS Hindi)
03 फ़रवरी 2011
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