नई दिल्ली February 09, 2011
वैश्विक स्तर पर आर्थिक गतिविधियां तेज होने से औद्योगिक जिंस (बेस मेटल) की मांग लगातार बढ़ रही है, जिससे इन धातुओं की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी हैं। जानकारों के मुताबिक चीन, अमेरिका , यूरोप, भारत सहित अन्य देशों में वाहन, निर्माण, आवासीय क्षेत्र में तेजी से काम चल रहा है, इस कारण धातुओं की मांग इस साल भी मजबूत बनी हुई है और आगे भी ऐसी ही संभावना है। इस वजह से ही धातुओं की कीमतें ऊपर चढ़ रही हैं। तांबा अंतरराष्ट्रीय बाजार में 10,110 डॉलर प्रति टन और निकल 28,625 डॉलर प्रति टन के नए रिकॉर्ड स्तर को छू चुका है। इसके अलावा जस्ता, सीसा और एल्युमीनियम के दाम भी रिकॉर्ड स्तर पर हैं। हालांकि चीन द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने और मुनाफावसूली के कारण मंगलवार से धातुओं की कीमतें थोड़ी नरम जरूर हुई हैं, लेकिन जानकार बताते है कि मजबूत मांग के चलते इनकी कीमतों में फिर से तेजी आ सकती है।अंतरराष्ट्रीय बाजार लंदन मेटल एक्सचेंज में एक माह के दौरान तांबा 9,340 डॉलर से बढ़कर 9990 डॉलर, निकल 23,975 डॉलर से बढ़कर 28,075 डॉलर, एल्यूमीनियम 2,487 डॉलर से बढ़कर 2,564 डॉलर और जस्ता 2,375 डॉलर से बढ़कर 2,503 डॉलर प्रति टन हो चुके हैं। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज मे भी इस दौरान धातुओं की कीमतें बढ़ी हैं। हालांकि बुधवार को धातुओं के दाम नरम रहे। धातुओं की कीमतों में तेजी के संबंध में ऐंजल ब्रोकिंग के वरिष्ठï धातु विश्लेषक अनुज गुप्ता ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि चीन और भारत में पहले से ही धातुओं की मांग अधिक थी और अब अमेरिका में आर्थिक गतिविधियां तेज होने से मांग और बढ़ी हैं। इस वजह से कीमतों में भी तेजी आई है। कमोडिटीइनसाइट डॉटकॉम के धातु विश्लेषक अभिषेक शर्मा के अनुसार सबसे अधिक तेजी तांबा और निकल में देखी गई है। उनका कहना था, 'तांबे का उत्पादन मांग के मुकाबले 4.40 लाख टन कम है, जिससे इसके दाम सर्वोच्च स्तर को छू चुके हैं। इस्पात की कीमतें लगातार बढऩे से निकल भी रिकॉर्ड स्तर पर जा चुका है। साथ ही वाहन क्षेत्र में जबरदस्त मांग से सीसा, एल्युमीनियम की कीमतों में भी काफी तेजी आई है। दिल्ली स्थित नीलकंठ मेटल ट्रेडिंग कंपनी के दीपक कुमार बताते है कि निर्माण भारत में निर्माण, वाहन क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहा है। इससे अब गर्मियां शुरू होने पर कंज्यूमर ड्यूरेबल क्षेत्र में रेफ्रिजरेटर , वातानुकूलित मशीन, कूलर की बिक्री काफी बढऩे वाली है। इनके निर्माण धातुओं का काफी उपयोग होता है, जाहिर है धातुओं की मांग आगे भी मजबूत बनी रहेगी। (BS Hindi)
10 फ़रवरी 2011
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