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10 मार्च 2009

म्यांमार से उड़द का आयात मूल्य एक माह में दस फीसदी गिरा

म्यांमार में नई फसल जल्द आने की उम्मीद में भारतीय आयातक सतर्क हो गए हैं। सौदे कम किए जाने से उड़द के आयात भाव पिछले एक महीने में इसके भाव करीब 10 फीसदी गिर चुके हैं। डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होने से आयात महंगा पड़ने के कारण आयातक नए सौदों में ज्यादा परहेज कर रहे हैं। हालांकि रुपया के गिरने से उड़द का आयात महंगा पड़ा है लेकिन निर्यातकों द्वारा भाव काफी गिरा देने से इसका कोई प्रभाव नहीं है। ऐसे में घरेलू बाजार में भी उड़द के भाव कमजोर हैं। दलहन आयातक संतोष उपाध्याय ने बिजनेस भास्कर को बताया कि म्यांमार में नई उड़द का उत्पादन तीन से साढ़े तीन लाख टन होने की संभावना है जबकि इसमें से करीब 80 फीसदी माल भारत आएगा। इसलिए आयातित उड़द की बिकवाली बढ़ने से मुंबई पहुंच भाव घटकर 440 डॉलर प्रति टन रह गए जबकि फरवरी के शुरू में इसके भाव 490 डॉलर प्रति टन थे। डॉलर के मुकाबले रुपये में आई भारी गिरावट के कारण इस समय आयातक नए सौदे कम कर रहे हैं जिसकी वजह से भी गिरावट को बल मिला है।सूत्रों के अनुसार चालू वित्त वर्ष में अभी तक सरकारी एजेंसियों एमएमटीसी, एसटीसी, पीईसी और नाफेड ने लगभग डेढ़ लाख टन उड़द आयात की है। जलगांव दाल मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम कोगता ने बताया कि प्राइवेट आयातकों ने इस दौरान 50 से 60 हजार टन उड़द आयात के सौदे किए हैं। इस समय मंडियों में पुरानी उड़द की आवक घटकर सीमित रह गई है लेकिन विजयवाड़ा में नई फसल की छिटपुट आवक शुरू हो गई है। विजयवाड़ा में नई उड़द के भाव 2750 से 2900 रुपये प्रति क्विंटल क्वालिटीनुसार बोले जा रहे हैं जबकि यहां इसकी दैनिक आवक 500 से 700 क्विंटल है। दलहन व्यापारी बिजेंद्र गोयल ने बताया कि आयातित उड़द के भावों में आई गिरावट का असर घरेलू उड़द पर भी पड़ा है। अकोला मंडी में उड़द के भाव घटकर 2650 से 2750 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। जबकि फरवरी के शुरू में इसके भाव 3000 से 3100 रुपये प्रति क्विंटल थे। आयातित मालों की क्वालिटी हल्की होने के कारण मिलर देशी उड़द की खरीद ही ज्यादा करते हैं लेकिन आयातित माल के दबाव में देशी उड़द के मौजूदा भावों में और भी गिरावट आ सकती है। घरेलू बाजारों में होली के बाद आंध्रप्रदेश की विजयवाड़ा लाइन में नई उड़द की आवक का दबाव बनने की संभावना तो है ही, साथ ही उड़ीसा और असम में भी नई फसल की आवक चालू महीने के आखिर तक शुरू होने की उम्मीद है। हालांकि रबी सीजन में देश में उड़द का उत्पादन एक लाख टन से भी कम होता है। उड़द का मुख्य उत्पादन खरीफ सीजन में होता है। चालू वर्ष में खरीफ में प्रतिकूल मौसम होने से उत्पादन में गिरावट आई थी। दिल्ली बाजार में मध्य प्रदेश की शिवपुरी लाइन की उड़द के भाव 2600 से 2650 रुपये प्रति क्विंटल बोले जा रहे हैं। ग्राहकी कमजोर होने से यहां भाव में पिछले एक सप्ताह से भाव स्थिर बने हुए है। (Business Bhaskar...R S Rana)

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