मुंबई March 05, 2009
वेयरहाउसिंग (डेवलपमेंट ऐंड रेग्युलेशन) एक्ट (डब्ल्यूृडीआरए) को लागू करने के लिए 1 मार्च 2009 को अध्यादेश जारी होने वाला था, लेकिन नियामक की नियुक्ति को लेकर अनिश्चितता के चलते इसमें अभी 2-3 महीने और देरी हो सकती है।
सरकार ने आंध्र प्रदेश के स्थानीय आयुक्त विश्वनाथ चिरावुरी को वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट ऐंड रेगुलेशन अथारिटी के संयुक्त सचिव के रूप में नियुक्त किया था। इन्हें खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) के तहत इस अधिनियम का नियमन करना था।
शेष टीम के बारे में अभी भी घोषणा बाकी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसके लागू हो जाने से अनाज की ढुलाई के दौरान होने वाले 25 प्रतिशत के नुकसान से बचा जा सकता है।
उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अधीन काम कर रहे खाद्य सचिव कुलदीप कुमार ने कहा कि हम अभी भी पूरी टीम गठित करने की राह पर हैं, जिन्हें 2-3 साल की प्रतिनियुक्ति पर रखा जाना है। जब एक बार काम शुरू हो जाएगा तो दल के स्थायी सदस्यों की नियुक्ति हो जाएगी।
जब उनसे वायदा बाजार आयोग के प्रस्तावों के बारे में पूछा गया, जिसमें कहा गया था कि सभी कारोबार के लिए एक नियामक की नियुक्ति होनी चाहिए तो उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव को लागू करना संभव नहीं था। कुमार ने कहा कि यह प्रक्रिया बहुत लंबी है, जिसे पारित होने में कम से कम 1 साल लग जाएगा।
बहरहाल, खाद्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव नवीन प्रकाश- जो इस समय जिंसों के रखरखाव के साथ साथ डब्ल्यूडीआरए की जिम्मेदारी भी हाल तक देख रहे थे, ने कहा कि अधिसूचना को लागू तब तक नहीं किया जा सकता जब तक पूर्णकालिक नियामक की नियुक्ति नहीं हो जाती, और इसे होने में अभी 2-3 महीने लगेंगे। (BS Hindi)
06 मार्च 2009
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