06 मार्च 2009
वित्त वर्ष में सोयामील निर्यात लक्ष्य पूरा होने की उम्मीद
चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से फरवरी तक देश से सोयामील के निर्यात में 19 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि विश्व स्तर पर आर्थिक मंदी का असर पिछले दो महीनों जनवरी और फरवरी के दौरान निर्यात पर भी पड़ा है। इसके बावजूद सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में निर्यात लक्ष्य 45 लाख टन को पूरा कर लिया जाएगा।सोपा के सूत्रों के अनुसार चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से फरवरी तक देश से सोयामील का निर्यात बढ़कर 40.22 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 33.81 लाख टन का हुआ था। अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर में जहां इसके निर्यात में भारी बढ़ोतरी हुई थी वहीं जनवरी और फरवरी महीने में विश्व स्तर पर छाई आर्थिक मंदी का असर सोयामील के निर्यात पर भी पड़ा है। फरवरी महीने में इसका निर्यात मात्र 3.81 लाख टन का ही हो पाया है जबकि पिछले वर्ष फरवरी महीने में निर्यात 6.40 लाख टन का हुआ था। जनवरी महीने में भी देश से सोयामील का निर्यात पिछले वर्ष के 7.24 लाख टन से घटकर 5.55 लाख टन का ही हुआ था। चालू तेल वर्ष अक्टूबर से फरवरी तक देश से सोयामील के कुल निर्यात में करीब 10 फीसदी की कमी आई है। इस दौरान देश से इसका निर्यात 23.58 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 26.18 लाख टन का हुआ था।इस समय सोयामील के भाव कांडला पोर्ट पर 21,200 से 21,500 रुपये प्रति टन चल रहे हैं जबकि उत्पादक मंडियों में सोयाबीन की दैनिक आवकों में काफी कमी आई है। अक्टूबर महीने में सोयामील के भाव कांडला पोर्ट पर 14,300 से 14,400 रुपये प्रति टन चल रहे थे। सोपा के अधिकारियों के मुताबिक चालू वर्ष में सोयाबीन के निर्यात का 45 लाख टन का लक्ष्य है। उम्मीद है कि उक्त लक्ष्य को पार कर लिया जाएगा। चालू महीने में निर्यातकों की अच्छी मांग को देखते हुए निर्यात लक्ष्य पाने की उम्मीद है। सोपा के अनुसार चालू फसल सीजन में देश में सोयाबीन की पैदावार पिछले वर्ष की 96 लाख टन से बढ़कर 108 लाख टन होने की संभावना है। हालांकि केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में जारी दूसरे अग्रिम अनुमान में सोयाबीन की पैदावार घटकर 90 लाख टन ही होने की संभावना है। (BS Hindi)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें