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10 मार्च 2009

चीनी पर आयात शुल्क खत्म होना लगभग तय

लोकसभा चुनावों में राजनीतिक नुकसान कम करने के मकसद से केंद्र सरकार चीनी की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए इस पर लागू 60 फीसदी आयात शुल्क को समाप्त करने की तैयारी में है। इस मुद्दे पर वित्त मंत्रालय और योजना आयोग के दबाव के सामने कृषि व खाद्य मंत्री शरद पवार कमजोर पड़ते दिख रहे हैं। सरकार में उच्चपदस्थ सूत्रों का कहना है कि चीनी पर आयात शुल्क समाप्त करना लगभग तय है और चुनाव आयोग से इसकी इजाजत मिलने के साथ ही यह फैसला हो जाएगा।इस समय घरेलू खुदरा बाजार में चीनी के दाम 25-26 रुपये प्रति किलो चल रहे हैं, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस समय चीनी (व्हाइट शुगर) के दाम 415-420 डॉलर प्रति टन हैं। 40 डॉलर प्रति टन के हिसाब से शिपिंग का भाड़ा जोड़ने के बाद चीनी की कीमतें भारतीय बंदरगाह पर 455-460 डॉलर प्रति टन बैठेंगी। इस आधार पर आयातित चीनी की कीमत करीब 24 रुपये किलो पड़ेगी। इंडिया शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के महानिदेशक शांतिलाल जैन ने त्नबिजनेस भास्करत्न को बताया कि घरेलू बाजार में चीनी की कीमतें 2,250 से 2,275 रुपये प्रति क्विंटल चल रही हैं, जबकि आयातित चीनी की कीमत करीब 2,400 रुपये प्रति क्विंटल होगी। वैसे भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत की खरीद शुरू होते ही दाम बढ़ना लगभग तय है। ऐसे में आयातित चीनी के दाम ऊंचे होने से घरेलू बाजारों में चीनी के मौजूदा भावों में और तेजी का रुख बन सकता है।सरकार के इस रुख पर गन्ना किसानों के लिए गन्ना मूल्य पर वर्ष 1997 से ही चीनी मिलों और सरकार के साथ लड़ाई लड़ रहे भारतीय किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष वी एम सिंह ने कहा कि सरकार का यह कदम किसान विरोधी है। उन्होंने कहा कि मिल मालिकों के तानाशाहीपूर्ण रवैये और सरकार के गलत फैसलों के कारण ही चालू फसल सीजन में देश में गन्ने के उत्पादन में भारी कमी आई है। किसानों को 135 और 140 रुपये प्रति क्विंटल के दाम का विरोध कर रही मिलें इस समय किसानों को 180 रुपये प्रति क्विंटल तक का भुगतान कर रही हैं। अगर सरकार आयात शुल्क समाप्त नहीं करती है तो ये मिलें खुद किसानों को अगले साल के लिए 100 रुपये प्रति क्विंटल तक का एडवांस भुगतान करने को तैयार होंगी ताकि किसान अधिक गन्ना उत्पादन करे। सरकार किसानों से यह मौका छीनने की कोशिश कर रही है। साथ ही पिछले साल के 90 लाख टन के बकाया और चालू साल के 160 लाख टन चीनी उत्पादन के चलते देश की जरूरत से ज्यादा चीनी मौजूद है। उन्होंने कहा कि कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार को जमाखोरी पर लगाम लगानी चाहिए। उद्योग सूत्रों के मुताबिक इस समय भारतीय बाजार में चीनी की खुदरा कीमत 25-26 रुपये प्रति किलो चल रही है, जबकि पड़ोसी देश पाकिस्तान में इसकी कीमतें 45 रुपये, नेपाल में 35 रुपये और श्रीलंका तथा बांग्लादेश में 35 से 40 रुपये प्रति किलो चल रही हैं। इसलिए आयात शुल्क समाप्त होने की स्थिति में देश में चीनी की कीमतों पर लगाम लगेगी, यह कहना मुश्किल है। (Business Bhaskar...R S Rana)

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