संप्रग सरकार ने बीपीएल के मुकाबले एपीएल को पहुंचाया अधिक फायदा
सुरिंदर सूद / नई दिल्ली March 03, 2009
सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से दिए जाने वाले खाद्यान्न पर सब्सिडी बढ़ी है।
लेकिन यह गरीबी रेखा के नीचे (बीपीएल) के तबके के लिए नहीं बल्कि गरीबी रेखा से ऊपर (एपीएल) जीवनयापन करने वाले लोगों को लाभ पहुंचा रही है।
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के 5 साल के कार्यकाल के दौरान बढ़ी हुई सब्सिडी के आंकड़े इसी हकीकत से रूबरू करा रहे हैं।
पिछले सप्ताह खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा जारी आंकड़े इस बात के संकेत देते हैं कि 2004-05 और 2008-09 के बीच चावल पर दी जाने वाली सब्सिडी में गरीबी रेखा से ऊपर के लोगों को दी जाने वाली सब्सिडी 102..5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जबकि गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले लोगों को दी जाने वाली सब्सिडी में केवल 65 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई है।
कुछ इसी तरह के आंकड़े इस दौरान गेहूं पर दी जाने वाली सब्सिडी के भी हैं। एपीएल को दी जाने वाली सब्सिडी में 91.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, वहीं बीपीएल की सब्सिडी में 61.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
चावल पर गरीबी रेखा से ऊपर रहने वाले लोगों को 2004-05 में प्रतिकिलो 4.75 रुपये सब्सिडी मिलती थी, जो 2008-09 में दोगुने से ज्यादा बढ़कर 9.60 रुपये प्रति किलो हो गई। वहीं बीपीएल को दी जाने वाली सब्सिडी 7.39 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 12.25 रुपये प्रति किलो पर ही इन 5 वर्षों में पहुंची है। (BS Hindi)
03 मार्च 2009
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