मुंबई March 14, 2009
घरेलू सीमेंट कंपनियों का बेहतर प्रदर्शन जारी है। नवंबर 2008 के बाद से लगातार चार महीनों से इस उद्योग में 8 प्रतिशत की विकास दर बरकरार है।
सीमेंट उद्योग में लदान 20.7 करोड़ टन रही जो उत्पादन से कहीं ज्यादा है। उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों और कारोबारियों का मानना है कि मानसून सत्र शुरू होने तक बेहतर मांग बनी रहेगी।
सीमेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (सीएमए) के हालिया आंकड़ों के मुताबिक फरवरी में कुल लदान 160.2 लाख टन रही तो पिछले साल की समान अवधि (फरवरी) में हुई 147.8 लाख टन लदान की तुलना में 8.39 प्रतिशत ज्यादा है। इस माह के दौरान उत्पादन 159.6 लाख टन रहा, जबकि पिछले साल 147.3 लाख टन रहा था।
सीएमए के अध्यक्ष हरिमोहन बांगुर ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि नान मेट्रो शहरों में सीमेंट की मांग बेहतर रही और इस साल लदान में वृध्दि दर 10 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। पिछले साल अक्टूबर में लदान में वृध्दि दर गिरकर 4 प्रतिशत पर आ गई थी। उसके बाद नवंबर माह से बढ़त शुरू हुई जो अब भी जारी है।
अंबुजा सीमेंट के प्रबंध निदेशक अमृत लाल कपूर ने कहा कि कंपनी की बिक्री लदान से कहीं ज्यादा है। इस उद्योग से जुड़े विश्लेषकों का कहना है कि मानसून तक सीमेंट क्षेत्र में बढ़त बरकरार रहेगी।
देश की प्रमुख इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फाइनेंस कंपनी के एक विश्लेषक ने नाम न दिए जाने की शर्त पर कहा कि वर्तमान माह निर्माण क्षेत्र के लिए बहुत बेहतर होता है, इस लिहाज से कीमतें और मांग दोनों बरकरार रहेंगी। हम उम्मीद करते हैं कि इस उद्योग का प्रदर्शन वर्तमान तिमाही में बहुत बेहतर रहेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में तमाम लंबित परियोजनाएं भी पूरी की जा रही हैं। आने वाले लोकसभा चुनावों को देखते हुए सरकार भी सभी लंबित परियोजनाओं को पूरा करने में जुट गई है, जिसके चलते वहां बहुत ज्यादा मांग है।
एसीसी सीमेंट के एक अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि सेमी अर्बन, रिटेल और कम कीमतों वाले गृह निर्माण के क्षेत्र में मांग बहुत ज्यादा है। एसीसी, अंबुजा सीमेंट और श्री सीमेंट सहित सीमेंट कंपनियों का मानना है कि सीमेंट की मांग कम से कम मई जून तक बनी रहेगी।
उद्योग जगत के विश्लेषकों का कहना है कि पिछले महीने में 50 किलो की सीमेंट की बोरी की कीमतों में 5-7 रुपये की बढ़ोतरी हुई है और आयातित कोयले की कीमतों में कमी आई है। इसकी वजह से कंपनियां निश्चित रूप से मुनाफा कमा रही हैं।
एक ब्रोकरेज फर्म के विश्लेषक का कहना है कि एक तरफ तो उत्पादन लागत में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं हुई है, वहीं कीमतें अभी भी तेज बनी हुई हैं। इस लिहाज से कंपनियों की स्थिति बेहतर हो रही है। सीमेंट निर्माता कंपनियां 15-20 प्रतिशत का निश्चित मुनाफा कमा रही हैं।
पिछले साल अक्टूबर-नवंबर महीने में शेयर बाजार में सीमेंट कंपनियों के शेयरों के भाव 52 महीने के न्यूनतम स्तर पर थे। अब सीमेंट उद्योग बेहतर प्रदर्शन करने वाले क्षेत्र में शामिल हो गया है।
अप्रैल-फरवरी के दौरान इस उद्योग ने 1632.8 लाख टन सीमेंट का उत्पादन किया जो पिछले साल के 1519.2 लाख टन की तुलना में 7.48 प्रतिशत ज्यादा है। इसी तरह से लदान 1628.4 लाख टन हो गया है जो पिछले साल के 1512.6 लाख टन से 7.66 प्रतिशत ज्यादा है। (BS Hindi)
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