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04 जनवरी 2009

दूसरे आर्थिक पैकेज पर सीफूड उद्योग की निगाहें

कोच्चि January 02, 2009
मौजूदा आर्थिक मंदी से परेशान चल रहे देश के सीफूड उद्योग को दूसरे आर्थिक उत्प्रेरक पैकेज से काफी उम्मीदें हैं।
उल्लेखनीय है कि पहले आर्थिक पैकेज से इस क्षेत्र को दो फायदे हासिल हुए, लेकिन वैश्विक आर्थिक मंदी की चपेट में ये राहत धुल से गए।पैकिंग क्रेडिट पर ब्याज दर में 2 फीसदी की कमी, ढुलाई बाद ऋण सुविधा 270 दिनों और ढुलाई से पहले ऋण सुविधा 180 दिनों तक बढ़ा दी गई। भारतीय सीफूड निर्यातक संघ (एसईएआई) के अध्यक्ष अनवर हाशिम ने बिजनसे स्टैंडर्ड को बताया कि मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान सीफूड की निर्यात मात्रा में 25-30 फीसदी की कमी हो सकती है, क्योंकि मांग अभी बहुत ही कम है। यूरोप, पश्चिम एशिया, जापान और अमेरिका से इसके ऑर्डर लगातार रद्द हो रहे हैं और यहां सीफूड की कीमत लगातार कम हो रही है। उद्योग से जुड़े लोगों के मुताबिक, मौजूदा साल कारोबार के लिहाज से बहुत मुश्किल गुजरने वाला है। नवंबर और दिसंबर का महीना तो सबसे मुश्किल साबित हुआ है। यह भी उम्मीद नहीं कि मौजूदा वित्त वर्ष की चौथी और आखिरी तिमाही में अर्थव्यवस्था की हालत बहुत सुधर जाएगी। क्योंकि पूरी दुनिया में अर्थव्यवस्था की हालत बहुत खराब है। 2008-09 में 6 हजार करोड़ रुपये का निर्यात लक्ष्य हासिल करना बहुत मुश्किल साबित होने वाला है।मालूम हो कि 2007-08 में देश से 7,621 करोड़ रुपये के 5.42 लाख टन सीफूड का निर्यात हुआ था। ज्यादातर विदेशी खरीदार कीमतों में तेज कटौती चाहती हैं, जिससे यह उद्योग गहरी मुश्किल में फंस गया है।(BS HIndi)

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