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06 जनवरी 2009

गांवों में ज्यादा है गहनों का के्ज

नई दिल्ली January 05, 2009
छोटे शहरों और गांवों के लोग महानगरों की तुलना में देश के आभूषण कारोबार में ज्यादा योगदान देते हैं।
अखिल भारतीय रत्न और आभूषण संघ के अध्यक्ष अशोक मीनावाला ने बताया कि आभूषणों की बिक्री छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों की तुलना में महानगरों में बढ़ने की संभावना है। ठीक यही बात पीएम शाह ज्वैलर्स के दिनेश जैन ने भी कही। जैन के मुताबिक, ग्रामीण इलाकों में ज्वेलरी का कारोबार 50 से 60 फीसदी तरक्की करने की संभावना है। वहीं महानगरों में इसकी बिक्री का ग्राफ महज 10 से 15 फीसदी चढ़ने की उम्मीद है।जानकारों के मुताबिक,, गांवों और छोटे शहरों के लोग सोने को निवेश और शादी-विवाह के इरादे से खरीदते हैं। हालांकि महानगरों में इसकी खरीदारी सोच-समझकर होती है। यहां जब सोना लुढ़कता है खरीदारी तभी जोर पकड़ती है। आभूषण की बात करें तो हीरे की मांग सबसे अधिक रही है। 2008 में हीरे की खरीद में 30 फीसदी की उल्लेखनीय तेजी हुई। एक अन्य आभूषण निर्माता के मुताबिक, हीरा विशेषकर इसके आभूषणों की मांग लगातार बनी हुई है। मीनावाला ने बताया कि जिन क्षेत्रों पर मंदी की मार बहुत कम रही है, आभूषण कारोबार उनमें से एक है। 2008 में जहां इस पर असर नहीं दिखा, वहीं उम्मीद है कि 2009 में भी यह मंदी के असर से अछूता रहेगा। (BS Hindi)

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