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10 दिसंबर 2008

गेहूं की एमएसपी बढ़ाने पर कैबिनेट कल कर सकता है फैसला

नई दिल्ली : केंद्र सरकार गुरुवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में रबी की गेहूं फसल के लिए न्यूनतम समर्थन कीमत (एमएसपी) में बढ़ोतरी करने का फैसला ले सकती है। गेहूं के वायदा कारोबार पर लगे प्रतिबंध को हटाने का सरकार का फैसला हालांकि इसकी कीमतों पर निर्भर करेगा। दुनिया भर में कीमतों में काफी गिरावट होने के बावजूद घरेलू बाजार में गेहूं के दाम करीब 10 फीसदी बढ़े हैं। गेहूं की कीमतें केवल 2 महीनों में 1,050 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़कर 1,160 रुपए प्रति क्विंटल हो गई हैं। कीमतों में आए उछाल की वजह से सरकार को अपने भंडार से अतिरिक्त गेहूं की निकासी को रोकना पड़ा है। देश के दक्षिणी इलाकों में मिलों को अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए गेहूं का आयात करना पड़ रहा है। इन मिलों को आयातित गेहूं ज्यादा सस्ता पड़ रहा है। रिपोर्टों के मुताबिक इस मामले में पंजाब और हरियाणा की मिलों की स्थिति ज्यादा खराब है। इन राज्यों में सरकार ने ज्यादातर गेहूं खरीद लिया है और बाजार में काफी कम गेहूं बचा हुआ है। इन मिलों के लिए गेहूं का आयात करना ज्यादा महंगा साबित होगा। इन राज्यों की मिलों को सरकार के जारी होने वाले गेहूं का इंतजार है। सरकार ने अब तक केवल 1.92 लाख टन गेहूं को जारी करने का फैसला लिया है। सितंबर-अक्टूबर महीने में सरकार ने आटा मिलों के लिए 8.48 लाख टन गेहूं जारी करने का फैसला लिया था। इस सेक्टर के जानकार कहते हैं कि सरकार इस साल के अंत में जारी करने के लिए गेहूं की एक अच्छी मात्रा अपने पास रखना चाहती है। सरकार की सोच है नई फसल आने के पहले गेहूं की कीमतों में उछाल आएगा और सरकार इसका फायदा उठा पाएगी। (ET Hindi)

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