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10 दिसंबर 2008

दूसरे खाद्य तेलों की तरह नारियल तेल भी चला मंदी की राह पर

कोच्चि December 09, 2008
नारियल तेल का भाव करीब 5 महीने के अंतराल के बाद एक बार फिर 6,000 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे चला गया है।
सोमवार को बाजार में इसका भाव 5,975 रुपये प्रति क्विंटल आंका गया। इससे पहले मई के दूसरे हफ्ते में नारियल तेल की कीमत 5,925 रुपये प्रति क्विंटल थी। कारोबारियों के मुताबिक, बाजार में मंदी का रुख है जिसे देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि इसमें अभी और कमी होगी। कारोबारियों की राय में नारियल तेल का अगला समर्थन मूल्य 5,500 रुपये प्रति क्विंटल हो सकता है। जानकारों का मानना है कि स्थानीय बाजार में पाम तेल में आई गिरावट के चलते ही इस तेल में भी कमी देखने को मिल रही है। बाजार में इस समय एक क्विंटल पाम तेल महज 3,400-3,500 रुपये में ही मिल जा रहा है।एक समय तो पाम तेल का भाव 8,000 रुपये प्रति क्विंटल तक चला गया था। आश्चर्य की बात यह है कि इस तेल में तब गिरावट हो रही है जब इसका सीजन अपने पीक पर चल रहा है। थोक कारोबारियों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि उपभोक्तोओं जैसे होटलों और बेकरियों के सस्ते पाम तेल का रुख कर लेने से नारियल तेल की मांग में अचानक 30 फीसदी की कमी हो गई है।वैसे नारियल तेल के कारोबार में यह बात बड़ी सामान्य है कि यह पाम तेल की कीमतों पर निर्भर करती है। इस समय नारियल उत्पादन का ऑफ सीजन पीक पर होने से केरल के बाजारों में नारियल और खोपरा की किल्लत साफ तौर पर दिख रही है। सबरीमाला जहां हर साल लाखों तीर्थयात्री आते हैं, में इस समय नारियलों की किल्लत चल रही है। देश में खोपरा का सबसे ज्यादा उत्पादन करने वाले तमिलनाडु और दक्षिण के दूसरे राज्यों में भी इस समय खोपरा की किल्लत चल रही है। केरल भी खोपरा के मामले में पूरी तरह तमिलनाडु पर निर्भर हो चला है। हालांकि यहां उत्तरी भारत से इसकी थोड़ी बहुत आपूर्ति होती है। बेहतरीन गुणवत्ता के खोपरे का भाव इस समय 4,000 से 4,200 रुपये प्रति क्विंटल के बीच चल रहा है। ऊर्जा की बढ़ी कीमतों से पहले से ही परेशान खोपरा की पेराई करने वाले उद्योग की परेशानी अब खोपरा के महंगे होने से बढ़ गई है। तमिलनाडु में कीमत इस समय 5,700 रुपये प्रति क्विंटल है। (BS Hindi)

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