09 दिसंबर 2008
सुप्रीम कोर्ट जाएंगी यूपी की चीनी मिलें
मुंबई : उत्तर-प्रदेश शुगर मिल असोसिएशन (यूपीएसएमए) अब सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाने जा रहा है। सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद संगठन ने इसकी तैयारी में जुट गया है। सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार की गन्ने की ज्यादा कीमत तय करने के विरोध में दायर याचिका को खारिज कर दिया। राज्य सरकार ने अक्टूबर में मौजूदा सीजन (अक्टूबर 2008 से सितंबर 2009 ) के लिए गन्ने की कीमत 140 रुपए प्रति क्विंटल तय की थी जबकि पिछले साल यह 125 रुपए प्रति क्विंटल थी। राज्य सरकार के फैसले के बाद निजी चीनी मिलों ने सरकारी कीमत (एसएपी) को राज्य हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि एसएपी तय करते वक्त सरकार ने चीनी मिलों को पिछले 2 सालों में हुए नुकसान पर कोई गौर नहीं किया है। शुगर इंडस्ट्री का मानना है कि वह गन्ने के लिए अधिकतम 112 रुपए प्रति क्विंटल की कीमत दे सकती है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नवंबर में सरकारी एसएपी पर किसी भी तरह की अंतरिम रोक लगाने की चीनी मिल संगठन की मांग को भी खारिज कर दिया था। राज्य में गन्ने की पेराई पहले ही शुरू हो चुकी है और चीनी मिलें इसके लिए 140 से 145 रुपए प्रति क्विंटल की कीमत किसानों को दे रही हैं। कोर्ट के आदेश के मुताबिक, मिलों को घटिया किस्म के गन्ने के लिए तय एसएपी 137.50 प्रति क्विंटल देना होगा। साथ ही सामान्य किस्म के गन्ने के लिए इन्हें 140 रुपए प्रति क्विंटल की एसएपी देनी होगी। हाईकोर्ट के फैसले पर यूपीएसएमए के सचिव एस. एल. गुप्ता ने कहा कि इससे चीनी मिलें गंभीर वित्तीय संकट की चपेट में आ जाएंगी। उन्होंने कहा, 'अगले दो से तीन दिनों में हम सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाने जा रहे हैं।' (ET Hindi)
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