कुल पेज दृश्य

05 दिसंबर 2008

अगले दो महीने में चने के भाव गिरने की संभावना

कई राज्यों में चने का पुराना स्टॉक बचने, स्टॉक लिमिट के कारण खरीद सीमित रहने और अगली फसल अच्छी रहने से अगले साल जनवरी व फरवरी में चने के भाव नरम रह सकते हैं। कमजोर मांग से आयातित चने में भी गिरावट देखी जा रही है। हालांकि गुरुवार को चने का वायदा कारोबार शुरू होने के कारण भाव अकोला मंडी में पचास रुपये क्विंटल टूट गए।मध्य प्रदेश की छत्तरपुर मंडी स्थित मैसर्स अग्रवाल अनाज भंडार के राजाराम अग्रवाल ने बिजनेस भास्कर को बताया कि नई फसल के समय राज्य की उत्पादक मंडियों में भाव काफी ऊंचे हो गए थे। इसलिए स्टॉकिस्टों ने चने का स्टॉक 2200 से 2500 रुपये प्रति क्विंटल में किया था। इस समय मंडियों में चने के भाव 1800 से 2000 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। अत: घरेलू मांग में आई गिरावट के कारण स्टॉकिस्टों को मजबूरीवश भाव घटाकर बिकवाली करनी पड़ रही है जिससे उन्हें भारी घाटा लग रहा है। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश की मंडियों में चने का बकाया स्टॉक अभी करीब छ: से सात लाख टन का बचा हुआ है। चालू वर्ष में अनुकूल मौसम से राज्य में चने के उत्पादन में अच्छी बढ़ोतरी की उम्मीद है।उनका मानना है कि अगर नई फसल से पहले कई राज्यों में लगी स्टॉक लिमिट को नहीं हटाया गया तो मिलरों के साथ-साथ स्टॉकिस्टों की खरीद कमजोर रहने से भावों में भारी गिरावट देखी जा सकती है। अकोला मंडी के विजेंद्र गोयल ने बताया कि वायदा बाजार में चने में फिर से ट्रेडिंग शुरू होने के कारण मंडियों में इसके भावों में तेजी देखी गई। अकोला मंडी में चने के भाव में 50 रुपये की तेजी आकर भाव 2225 रुपये, दिल्ली में 2275 रुपये और इंदौर में 2200 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। हालांकि पिछले कुछ समय के दौरान घरेलू बाजारों में कमजोर उठाव के चलते आयातकों द्वारा लगातार चने की बिकवाली भाव घटाकर की जा रही है। मुंबई में तंजानियाई चने के भाव 415 डॉलर और आस्ट्रेलिाई चने के भाव 385 डॉलर प्रति टन (दिसंबर-जनवरी शिपमेंट) बोले जा रहे हैं लेकिन इन भावों में भी मांग कमजोर है। उन्होंने बताया कि जनवरी में कर्नाटक और फरवरी में महाराष्ट्र की मंडियों में नई फसल की आवक शुरू हो जाएगी। मध्य प्रदेश जोकि चना उत्पादन में देश का अग्रणी राज्य है, की मंडियों में नई फसल की आवक मार्च में और राजस्थान की मंडियों में अप्रैल महीने में बनेंगी। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू रबी सीजन में देश में चने की बुवाई 61.96 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जोकि पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 9.51 लाख हैक्टेयर ज्यादा है। पिछले वर्ष इस समय तक 52.45 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। कृषि मंत्रालय ने रबी में चने के उत्पादन का लक्ष्य 62 लाख टन का रखा है जबकि गत वर्ष इसका उत्पादन 59 लाख टन का हुआ था। (Business Bhaskar......R S Rana)

कोई टिप्पणी नहीं: