नई दिल्ली December 01, 2008
भारत में चीनी उत्पादन में 22 प्रतिशत की गिरावट आने के अनुमान के बाद विश्व के दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक देश भारत का चीनी निर्यात लगभग 50 फीसदी घटकर 20 लाख टन रह जाने की उम्मीद है।
सरकारी अनुमान के अनुसार चीनी की शिपमेंट वर्ष 2008-09 (अक्तूबर से सितंबर) में घटकर 20 लाख टन रह जाने का अनुमान है। वर्ष 2007-08 में यह 46 लाख टन थी। एक उद्योग विशेषज्ञ ने कहा कि शिपमेंट में कमी आएगी क्योंकि उत्पादन में कमी तथा घरेलू खपत पिछले वर्ष के 215 लाख टन से बढ़कर 220 लाख टन हो जाने से घरेलू कीमतों के मजबूत होने की संभावना है। पिछले वर्ष सरकार ने तटीय क्षेत्रों में स्थित चीनी मिलों के लिए 1,350 रुपये प्रति टन तथा सुदूर क्षेत्रों में स्थिति मिलों के लिए 1,450 करोड़ रुपये का निर्यात पैकेज दिया था ।क्योंकि विगत दो लगातार वर्षो में भारी उत्पादन की वजह से बाजार में चीनी की प्रचूरता थी। इस वर्ष चीनी उत्पादन घटकर 205 लाख टन रह जाने की संभावना है जो पिछले वर्ष 264 लाख टन था।खाद्य एवं कृषि मंत्री शरद पवार ने पिछले सप्ताह कहा, 'हमारा मानना है कि चीनी उत्पादन 210 लाख टन हो सकता है।' महाराष्ट्र में कम बारिश के बाद इस वर्ष गन्ना उत्पादन घटने की वजह से चीनी उत्पादन का प्रभावित होना तय है। इसके अलावा प्रदेश में परामर्शित मूल्य को बढ़ाकर 140 रुपये प्रति क्विंटल किए जाने के बाद उत्तर प्रदेश में गन्ना पेराई में विलंब से भी उत्पादन अनुमान में कमी आई है। (BS Hindi)
04 दिसंबर 2008
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