लखनऊ December 04, 2008
उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों से 109 में गन्ने की पेराई फिलहाल शुरू हो गई है, जबकि बाकी बचे 24 मिलों में उम्मीद है कि एक हफ्ते के भीतर पेराई का काम शुरू हो जाएगा।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, इन 109 मिलों में से 12 मिलें राज्य चीनी निगम की हैं तो सहकारी क्षेत्र की 22 और निजी क्षेत्र की 75 मिलें शामिल हैं। इस बीच खबर है कि हर मिल गन्ना किसानों और सोसाइटियों से एक अनुबंध कर रहे हैं, जिसमें लिखा है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के मुताबिक ही भुगतान किया जाएगा।अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, इन मिलों में अब तक करीब 2.10 करोड़ क्विंटल गन्ने की पेराई हो चुकी है और इस तरह इनसे 18 लाख क्विंटल चीनी भी तैयार हो गई है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र के बाद चीनी उत्पादन में उत्तर प्रदेश का स्थान देश में दूसरा है।एक अधिकारी ने बताया कि इस साल चीनी की रिकवरी 8.57 फीसदी के आसपास रह रही है। पिछले साल की तुलना में इस बार पेराई की गति भी काफी बढ़िया है। बहरहाल पिछले दिनों गन्ने के राज्य समर्थित मूल्य (एसएपी) के मसले पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। उम्मीद है कि इस मामले में कोई भी फैसला इस हफ्ते के बाद आएगा। उल्लेखनीय है कि 4 नवंबर को इंडियन शुगर मिल्स एसोसियशन (इस्मा) ने राज्य सरकार की ओर से गन्ने की एसएपी में की गई रिकॉर्ड बढ़ोतरी को न्यायलय में चुनौती दी थी।उनके मुताबिक, यह बढ़ोतरी मनमानी है और गन्ने की कीमत तय करने में गलत तरीके का उपयोग किया गया है। इससे पहले राज्य सरकार ने 18 अक्टूबर को गन्ने की एसएपी में 15 रुपये प्रति क्विंटल की रिकॉर्ड वृद्धि कर दी। इस तरह उत्तर प्रदेश में इस 2008-09 सीजन के लिए गन्ने की बेहतरीन गुणवत्ता के गन्ने की कीमत 145 रुपये, सामान्य गुणवत्ता की कीमत 140 रुपये और खराब गन्ने की 137.50 रुपये रखी गई है।मजेदार बात यह है कि केंद्र सरकार ने गन्ने की वैधानिक न्यूनतम मूल्य (एसएमपी) को पिछले साल के 81 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर ही बरकरार रखा है। इस बीच, खबर है कि ये चीनी मिल गन्ना किसानों और सोसाइटियों से अलग से अनुबंध कर रहे हैं। इस अनुबंध में ये मिल वायदा कर रहे हैं कि वे इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के मुताबिक ही उन्हें भुगतान करेंगे। जानकारों के मुताबिक, राज्य में गन्ने की पेराई शुरू करने का यही एक तरीका भी था। वैसे किसान भी नहीं चाहते थे कि कोर्ट का फैसला आने तक पेराई बाधित रहे।गन्ने की पेराई में आई तेजीअब तक 2.10 करोड़ क्विंटल गन्ने की पेराई हो चुकी है इस पेराई से 18 लाख क्विंटल चीनी भी तैयार हो चुकी है (BS Hindi)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें