भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) खुद में वायदा बाजार आयोग
(एफएमसी) के विलय के लिए दिशानिर्देश पूरे होने के साथ ही अगस्त से जिंस
ब्रोकरों का पंजीकरण शुरू कर सकता है। सेबी ने मंगलवार को कहा था कि वह
जिंस डेरिवेटिव्स के लिए खुद के नियम बना रहा है, जो अगस्त तक बन जाएंगे।
सितंबर तक जिंस एक्सचेंजों के नियमन की तैयारी पूरी हो जाएगी। एफएमसी
द्वारा प्रशासित जिंस ब्रोकर वर्तमान नियमों में किए गए बदलावों का इंतजार
कर रहे हैं। एफएमसी के पास ब्रोकरों को सीधे नियंत्रित करने की शक्तियां
नहीं हैं। अभी ब्रोकरों पर नियंत्रण जिंस एक्सचेंजों का होता है। सेबी
ब्रोकरों का पंजीकरण करेगा और इसके लिए फीस वसूलेगा।
कमोडिटीज पार्टिसिपेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीपीएआई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और आईएसएफ कमोडिटीज के प्रवर्तक बी के सभरवाल ने कहा, 'हम सेबी के अधिकारियों के साथ दो बार बैठक (4 और 17 जून) कर चुके हैं। हमें संकेत मिले हैं कि ब्रोकरों का पंजीकरण 1 अगस्त के आसपास शुरू होगा और यह प्रक्रिया 30 सितंबर तक पूरी हो जाएगी।' सेबी ने जिंस ब्रोकरों से पंजीकरण के एवज में ली जाने वाली फीस तय नहीं की है। इस समय ब्रोकर को कोई राशि नहीं चुकानी होती है। सभरवाल ने कहा, 'हम सेबी को इस बात के लिए मनाएंगे कि जिंस ब्रोकरों से पंजीकरण शुल्क नहीं वसूला जाए।'
सीपीएआई जिंस सदस्यों के ऑटोमैटिक पंजीकरण का आग्रह करेगा। क्लियरिंग एजेंटों और गोदाम सेवा प्रदाताओं को भी सेबी के पास पंजीकरण कराना और एकमुश्त फीस देनी पड़ सकती है। पंजीकरण का हर साल नवीनीकरण होगा। डेस्टीमनी सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा, 'सरकार ने प्रतिभूति एवं अनुबंध नियमन अधिनियम में प्रतिभूति की परिभाषा में जिंसों को शामिल किया है। सेबी मुद्रा ब्रोकरों से मामूली पंजीकरण फीस ले रहा है। इसी तरह नियामक जिंसों के लिए पंजीकरण शुल्क को टाल सकता है।' सेबी के साथ बातचीत से जुड़े एक ब्रोकरेज के अधिकारी ने कहा, 'एफएमसी के सेबी में विलय और इसे लागू करने की तारीख की घोषणा के लिए सरकारी अधिसूचना का इंतजार कर रहे हैं।' इस विलय की घोषणा वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फरवरी के आम बजट में की थी और इसके क्रियान्वयन की मियाद एक साल तय की गई थी। इसकेकुछ सप्ताह बाद संसद ने विलय के मसौदे को मंजूरी दे दी, जिसके तहत प्रतिभूति बाजार के वर्तमान नियम जिंस बाजारों पर भी लागू होंगे। (BS Hindi)
कमोडिटीज पार्टिसिपेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीपीएआई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और आईएसएफ कमोडिटीज के प्रवर्तक बी के सभरवाल ने कहा, 'हम सेबी के अधिकारियों के साथ दो बार बैठक (4 और 17 जून) कर चुके हैं। हमें संकेत मिले हैं कि ब्रोकरों का पंजीकरण 1 अगस्त के आसपास शुरू होगा और यह प्रक्रिया 30 सितंबर तक पूरी हो जाएगी।' सेबी ने जिंस ब्रोकरों से पंजीकरण के एवज में ली जाने वाली फीस तय नहीं की है। इस समय ब्रोकर को कोई राशि नहीं चुकानी होती है। सभरवाल ने कहा, 'हम सेबी को इस बात के लिए मनाएंगे कि जिंस ब्रोकरों से पंजीकरण शुल्क नहीं वसूला जाए।'
सीपीएआई जिंस सदस्यों के ऑटोमैटिक पंजीकरण का आग्रह करेगा। क्लियरिंग एजेंटों और गोदाम सेवा प्रदाताओं को भी सेबी के पास पंजीकरण कराना और एकमुश्त फीस देनी पड़ सकती है। पंजीकरण का हर साल नवीनीकरण होगा। डेस्टीमनी सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा, 'सरकार ने प्रतिभूति एवं अनुबंध नियमन अधिनियम में प्रतिभूति की परिभाषा में जिंसों को शामिल किया है। सेबी मुद्रा ब्रोकरों से मामूली पंजीकरण फीस ले रहा है। इसी तरह नियामक जिंसों के लिए पंजीकरण शुल्क को टाल सकता है।' सेबी के साथ बातचीत से जुड़े एक ब्रोकरेज के अधिकारी ने कहा, 'एफएमसी के सेबी में विलय और इसे लागू करने की तारीख की घोषणा के लिए सरकारी अधिसूचना का इंतजार कर रहे हैं।' इस विलय की घोषणा वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फरवरी के आम बजट में की थी और इसके क्रियान्वयन की मियाद एक साल तय की गई थी। इसकेकुछ सप्ताह बाद संसद ने विलय के मसौदे को मंजूरी दे दी, जिसके तहत प्रतिभूति बाजार के वर्तमान नियम जिंस बाजारों पर भी लागू होंगे। (BS Hindi)
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