खरीफ 2015 सत्र में बुआई से पहले तक 30-35 लाख टन सोयाबीन शेष रहने की
उम्मीद है। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के चेयरमैन दवीश
जैन कहते हैं, 'पूरे सत्र में सोयाबीन आपूर्ति कमजोर रही है। आगे अच्छी
कीमतें मिलने की उम्मीद के बीच किसानों ने अपने उत्पाद बचाए रखे। हमें लगता
है कि इस साल 30-35 लाख टन सोयाबीन शेष रह सकता है।'
जैन ने कहा कि बुआई की बाद करीब 10-15 लाख टन सोयाबीन शेष रह सकता है। बाजार के जानकारों का कहना है कि बुआई के बाद अगर किसानों ने अपने भंडार खाली करने चाहे तो बाजार में पिछले साल का सोयाबीन उपलब्ध हो सकता है। सोयाबीन की बुआई मध्य जून से शुरू होती है। इसे अधिक पानी की जरूरत होती है इसलिए मॉनसून आने के बाद ही इसकी बुआई शुरू होती है। प्रदेश में मॉनसून आम तौर पर 14-15 जून के बाद पहुंचता है। मौसम विभाग के अनुसार चक्रवाती तूफान 'अशोबा' के कारण मॉनसून आने में कुछ दिनों की देरी हो सकती है। (BS Hindi)
जैन ने कहा कि बुआई की बाद करीब 10-15 लाख टन सोयाबीन शेष रह सकता है। बाजार के जानकारों का कहना है कि बुआई के बाद अगर किसानों ने अपने भंडार खाली करने चाहे तो बाजार में पिछले साल का सोयाबीन उपलब्ध हो सकता है। सोयाबीन की बुआई मध्य जून से शुरू होती है। इसे अधिक पानी की जरूरत होती है इसलिए मॉनसून आने के बाद ही इसकी बुआई शुरू होती है। प्रदेश में मॉनसून आम तौर पर 14-15 जून के बाद पहुंचता है। मौसम विभाग के अनुसार चक्रवाती तूफान 'अशोबा' के कारण मॉनसून आने में कुछ दिनों की देरी हो सकती है। (BS Hindi)
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