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18 जून 2015

चार लाख टन से ज्यादा के हो चुके हैं गेहूं के आयात सौदे


एफसीआई के मुकाबले आयातित गेहूं की खरीद कर रही हैं फ्लोर मिलें
आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू सीजन में आस्ट्रेलिया और युक्रेन से करीब 4.25 लाख टन गेहूं के आयात सौदे हो चुके हैं। इसमें से 14 जून तक करीब एक लाख टन गेहूं भारतीय बंदरगाह पर पहुंच भी चुका है। आस्ट्रेलियाई्र गेहूं प्रीमियम क्वालिटी होने के कारण दक्षिण भारत की फ्लोर मिलें भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गेहूं के बजाए आयातित गेहूं की खरीद कर रही है।
सूत्रों के अनुसार चालू सीजन में अभी तक करीब 4.25 लाख टन गेहूं के आयात सौदे हो चुके हैं जिसमें से एक लाख टन गेहूं का आयात भी हो चुका है। गत सप्ताह करीब 61,000 टन गेहूं भारतीय बंदरगाह पर पहुंचा है। तुतीकोरन बंदरगाह पर पहुंचे इस गेहूं का भाव 258.13 डॉलर प्रति टन था जबकि इस समय आस्ट्रेलियन गेहूं के आयात सौदे 280 से 285 डॉलर प्रति टन की दर से हो रहे हैं। चालू सीजन में कुल आठ से दस लाख टन गेहूं का आयात होने का अनुमान है। अभी तक हुए आयात सौदों में आस्ट्रेलिया से पांच लाख टन और यूक्रेन से 25,000 टन के सौदे हुए हैं।
उन्होंने बताया कि देष से पड़ौसी देषों को गेहूं का निर्यात तो रहा है लेकिन सीमित मात्रा में। अप्रैल महीने में देष से 40,495 टन और मई में 26,358 टन गेहूं का निर्यात हुआ है। अप्रैल में गेहूं के निर्यात सौदे 269 डॉलर प्रति टन और मई में 277.11 डॉलर प्रति टन (एफओबी) की दर से हुए है।
बंगलुरु स्थित एक फ्लोर मिलर ने बताया कि आस्ट्रेलियन गेहूं प्रीमियम क्वालिटी का होने के कारण मिलर्स एफसीआई से खरीद नहीं कर रहे है। उन्होंने बताया कि आस्ट्रेलियाई गेहूं का भाव तुतीकोरन बंदरगाह पर 1,830 रुपये प्र्रति क्विंटल है। तमिलनाडु की फ्लोर मिलों में पहुंच इसका भाव 1,900 रुपये और कर्नाटका की फ्लोर मिलाों में पहुंच 1,950 रुपये प्रति क्विंटल है। एफसीआई के गेहूं का भाव पंजाब या हरियाणा से इन राज्यों को पहुंच 1,750 से 1,800 रुपये प्रति क्विंटल है। एफसीआई ओएमएसएस में चालू रबी विपणन सीजन 2015-16 का गेहूं दे रही है जोकि बारिष से भीगा हुआ है। इसलिए मिलर्स आयातित गेहूं की खरीद कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेष के एक फ्लोर मिलर्स ने बताया कि उत्तर प्रदेष से बंगलुरु पहुंच गेहूं  के सौदे 1,800  से 1,810 रुपये और मध्य प्रदेष और राजस्थान से 1,730 से 1,750 रुपये प्रति क्विंटल की दर से सौदे हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि दक्षिण भारत की फ्लोर मिलें 50 से 60 फीसदी गेहूं की खरीद उत्तर प्रदेष, मध्य प्र्रदेष और राजस्थान से कर रही हैं तथा 40 से 50 फीसदी आयातित गेहंू खरीद रही है।.......आर एस राणा

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