इंडोनेशिया जैसे देशों से सस्ते आयात और घरेलू स्तर पर कम पेराई के चलते
अक्टूबर में समाप्त होने जा रहे तेल वर्ष में खाद्य तेल का आयात 16.3 फीसदी
बढ़कर 135 लाख टन पर पहुंच सकता है। इस उद्योग की संस्था एसईए ने यह बात
कही है।
विपणन वर्ष (नवंबर से अक्टूबर) 2013-14 के दौरान देश में 116 लाख टन खाद्य तेल के आयात का अनुमान है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) के निदेशक बी वी मेहता ने कहा, 'मई तक खाद्य तेल का आयात 77.7 लाख टन था। अगर अक्टूबर के अंत तक आयात 135 लाख टन का स्तर छू जाए तो मुझे कोई अचंभा नहीं होगा।'
इंडोनेशिया और मलेशिया से सस्ते आयात के कारण आयात में करीब 20 लाख टन की बढ़ोतरी होने की संभावना है। इन दोनों देशों ने सरप्लस स्टॉक की बिक्री के लिए पाम उत्पादों पर निर्यात शुल्क खत्म कर दिया है। सोयाबीन के दाम ऊंचे होने और तेल के दाम कम मिलने के कारण पेराई और खाद्य तेल की उपलब्धता में कमी आई है, जिससे सोया तेल और सूरजमुखी तेल का आयात बढ़ा है। (BS Hindi)
विपणन वर्ष (नवंबर से अक्टूबर) 2013-14 के दौरान देश में 116 लाख टन खाद्य तेल के आयात का अनुमान है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) के निदेशक बी वी मेहता ने कहा, 'मई तक खाद्य तेल का आयात 77.7 लाख टन था। अगर अक्टूबर के अंत तक आयात 135 लाख टन का स्तर छू जाए तो मुझे कोई अचंभा नहीं होगा।'
इंडोनेशिया और मलेशिया से सस्ते आयात के कारण आयात में करीब 20 लाख टन की बढ़ोतरी होने की संभावना है। इन दोनों देशों ने सरप्लस स्टॉक की बिक्री के लिए पाम उत्पादों पर निर्यात शुल्क खत्म कर दिया है। सोयाबीन के दाम ऊंचे होने और तेल के दाम कम मिलने के कारण पेराई और खाद्य तेल की उपलब्धता में कमी आई है, जिससे सोया तेल और सूरजमुखी तेल का आयात बढ़ा है। (BS Hindi)
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