घरेलू प्याज मंडियों में आवक कम होने और विदेशी मांग बढऩे से प्याज पर
महंगाई का रंग चढऩा शुरू हो गया है। पिछले एक महीने में प्याज करीब 70
फीसदी महंगा हो गया है जबकि चालू महीने में इसके दाम लगभग 24 फीसदी बढ़े
हैं। मॉनसून दस्तक दे चुका है। अगले कुछ दिनों में देश के दूसरे हिस्सों
में भी मॉनसून सक्रिय होगा जिसके चलते मंडियों में आवक और कमजोर पडऩे की
आशंका जताई जा रही है। इससे कीमतें और चढ़ेंगी।
प्याज की कीमतें एक बार फिर रुलाने वाली है। थोक मंडिय़ों में प्याज के दाम तेजी से बढ़े हैं। एक महीना पहले 1400 रुपये प्रति क्विंटल बिकने वाले प्याज के दाम बढ़कर 2350 रुपये क्विंटल हो गए हैं। राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार मुंबई थोक मंडी में मई के शुरू में प्याज 1400 रुपये क्विटल पर बिक रहा था जो 1 जून को बढ़कर 1900 रुपये और 9 जून को बढ़कर 2350 रुपये क्विंटल हो गया। दिल्ली थोक मंडी में प्याज मुंबई की अपेक्षा सस्ता बिक रहा है। दिल्ली में प्याज की औसत कीमत बढ़कर 1636 रुपये हो गई जबकि अधिकतम कीमत 2250 रुपये क्विंटल बोली गई, जबकि 1 जून को दिल्ली थोक मंडी में प्याज की औसत कीमत 1396 रुपये पति क्विंटल पर थी। देशभर की थोक मंडियों में प्याज का औसत भाव 2050 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गया जबकि अप्रैल में औसत कीमत 1327 रुपये और मई में 1572 रुपये प्रति क्विंटल बताई जा रही थी। थोक बाजार में कीमत बढऩे का असर खुदरा बाजार में भी दिखाई देने लगा है।
पिछले एक सप्ताह में मुंबई और आसपास के इलाके में प्याज के खुदरा दाम तेजी से बढ़े हैं। मुंबई में प्याज 30 रुपये से 50 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है जबकि जून महीने की शुरुआत में यह भाव 22 रुपये से 30 रुपये के बीच था। उपभोक्ता मामलों के विभाग से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक मुंबई में प्याज की औसत कीमत 25 रुपये से बढ़कर 28 रुपये और दिल्ली में 28 रुपये से बढ़कर 33 रुपये किलोग्राम बताई जा रही है। वहीं देशभर में प्याज की औसत कीमत अभी भी 20 रुपये प्रति किलोग्राम और अधिकतम खुदरा कीमत 49 रुपये प्रति किलोग्राम बताई जा रही है। एपीएमसी में प्याज कारोबारी मनोहर तोतलानी कहते हैं कि पिछले कुछ दिनों से आवक कमजोर हुई है, जबकि मांग बढ़ी है। वह कहते हैं कि बारिश शुरू होने के कारण जून में प्याज 3500 रुपये तक पहुंच जाता है जबकि अभी 2400 रुपये के करीब चल रहा है। प्याज निर्यातकों का कहना है कि प्याज के महंगे होने की सबसे बड़ी वजह विदेशी मांग बढऩा है। (BS hindi)
प्याज की कीमतें एक बार फिर रुलाने वाली है। थोक मंडिय़ों में प्याज के दाम तेजी से बढ़े हैं। एक महीना पहले 1400 रुपये प्रति क्विंटल बिकने वाले प्याज के दाम बढ़कर 2350 रुपये क्विंटल हो गए हैं। राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार मुंबई थोक मंडी में मई के शुरू में प्याज 1400 रुपये क्विटल पर बिक रहा था जो 1 जून को बढ़कर 1900 रुपये और 9 जून को बढ़कर 2350 रुपये क्विंटल हो गया। दिल्ली थोक मंडी में प्याज मुंबई की अपेक्षा सस्ता बिक रहा है। दिल्ली में प्याज की औसत कीमत बढ़कर 1636 रुपये हो गई जबकि अधिकतम कीमत 2250 रुपये क्विंटल बोली गई, जबकि 1 जून को दिल्ली थोक मंडी में प्याज की औसत कीमत 1396 रुपये पति क्विंटल पर थी। देशभर की थोक मंडियों में प्याज का औसत भाव 2050 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गया जबकि अप्रैल में औसत कीमत 1327 रुपये और मई में 1572 रुपये प्रति क्विंटल बताई जा रही थी। थोक बाजार में कीमत बढऩे का असर खुदरा बाजार में भी दिखाई देने लगा है।
पिछले एक सप्ताह में मुंबई और आसपास के इलाके में प्याज के खुदरा दाम तेजी से बढ़े हैं। मुंबई में प्याज 30 रुपये से 50 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है जबकि जून महीने की शुरुआत में यह भाव 22 रुपये से 30 रुपये के बीच था। उपभोक्ता मामलों के विभाग से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक मुंबई में प्याज की औसत कीमत 25 रुपये से बढ़कर 28 रुपये और दिल्ली में 28 रुपये से बढ़कर 33 रुपये किलोग्राम बताई जा रही है। वहीं देशभर में प्याज की औसत कीमत अभी भी 20 रुपये प्रति किलोग्राम और अधिकतम खुदरा कीमत 49 रुपये प्रति किलोग्राम बताई जा रही है। एपीएमसी में प्याज कारोबारी मनोहर तोतलानी कहते हैं कि पिछले कुछ दिनों से आवक कमजोर हुई है, जबकि मांग बढ़ी है। वह कहते हैं कि बारिश शुरू होने के कारण जून में प्याज 3500 रुपये तक पहुंच जाता है जबकि अभी 2400 रुपये के करीब चल रहा है। प्याज निर्यातकों का कहना है कि प्याज के महंगे होने की सबसे बड़ी वजह विदेशी मांग बढऩा है। (BS hindi)
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