कमजोर मानसून के साथ ही कपास के नीचे भाव का पड़ेगा असर
आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में मानसूनी बारिष सामान्य से कम होने का अनुमान है, साथ ही कपास की नई फसल की आवक के समय उत्पादक मंडियों में भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे बने हुए थे। इससे चालू खरीफ में कपास की बुवाई में कमी आने की आषंका है जिसका असर पैदावार पर पड़ेगा। अहमदाबाद मंडी में षनिवार को षंकर-6 किस्म की कपास के भाव 34,500 से 35,000 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) रहे।
कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चालू खरीफ में अभी तक 14.70 लाख हैक्टेयर में कपास की बुवाई हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 17.34 लाख हैक्टेयर में हुई थी। उन्होंने बताया कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान के अलावा महाराष्ट्र में ही कपास की बुवाई षुरु हुई है। हालांकि अभी बुवाई षुरुआती चरण में है तथा मानसूनी बारिष होने के बाद बुवाई में तेजी तो आयेगी लेकिन कुल बुवाई पिछले साल से भी घटने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि पिछले साल भी मानसूनी बारिष कम होने से कपास की बुवाई कम हुई थी।
नार्थ इंडिया कॉटन एसोसिएषन के अध्यक्ष राकेष राठी ने बताया कि चालू कपास सीजन में उत्पादक मंडियों में कपास के भाव एमएसपी से नीचे बने हुए थे जिसकी वजह से किसानों को कपास की बिकवाली कम भाव पर करनी पड़ी। भाव एमएसपी से नीचे होने के कारण ही काटन कारर्पोरेषन आफ इंडिया (सीसीआई) ने एमएसपी पर रिकार्ड 87 लाख गांठ कपास की खरीद करनी पड़ी। उन्होंने बताया कि चालू खरीफ में मानसून बारिष भी सामान्य से कम होने का अनुमान है। ऐसे में कपास की बुवाई चालू खरीफ में कम रह सकती है जिससे पैदावार लगातार दूसरे साल घटने का अनुमान है।
केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2014-15 में कपास के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 50 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की थी। विपणन सीजन 2014-15 के लिए मीडियम स्टेपल कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3,750 रुपये और लौंग स्टेपल कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4,050 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था। कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू फसल सीजन 2014-15 में देष में कपास की पैदावार 353.28 लााख गांठ होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसकी पैदावार 359.02 लाख गांठ की हुई थी।
उद्योग का अनुमान है कि चालू सीजन में कपास की पैदावार 382.75 लाख गांठ होने का अनुमान है। चालू सीजन में अभी तक उत्पादक मंडियों में 365.50 लाख गांठ कपास की दैनिक आवक हो चुकी है। सीसीआई के पास कपास का भारी स्टॉक मौजूद है इसलिए कीमतों में भारी तेजी की संभावना भी नहीं है।.....आर एस राणा
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