जुलाई महीने में मानसूनी बारिष पर निर्भर करेगी खरीफ की पैदावार
आर एस राणा
नई दिल्ली। प्रमुख उत्पादक राज्यों में जून महीने में हुई अच्छी बारिष से खरीफ फसलों के बुवाई क्षेत्रफल में 23 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल बुवाई 165.6 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है। तिलहन के साथ ही दलहन और मोटे अनाजों की फसलों के बुवाई क्षेत्रफल में ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। हालांकि फसलों की पैदावार के लिए जुलाई महीने में होने वाली मानसूनी बारिष काफी महत्वपूर्ण रहेगी।
कृषि आयुक्त जे एस संधू ने बताया कि जून महीने में हुई बारिष से खरीफ फसलों की बुवाई तो बढ़ी है लेकिन पैदावार के लिए जुलाई महीने में होने वाली बारिष काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि जून महीने में हुई अच्छी बारिष से किसानों को फसलों की बुवाई के लिए फायदा हुआ है, लेकिन फसलों के उत्पादन अनुमान का आंकलन जुलाई के पहले सप्ताह में होने वाली बारिष के बाद ही लगाया जा सकेगा।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में देषभर में अभी तक 165.6 लाख हैक्टेयर में फसलों की बुवाई हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 134.1 लाख हैक्टेयर में हुई थी। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार देषभर में 24 जून तक सामान्य से 44 फीसदी ज्यादा बारिष हुई है।
चालू खरीफ में अभी तक 11 लाख हैक्टेयर में दलहन की बुवाई हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 6.14 लाख हैक्टेयर में हुई थी। इसी तरह से मोटे अनाजों की बुवाई बढ़कर 19.2 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 16.7 लाख हैक्टेयर में हुई थी। तिलहन की बुवाई चालू रबी में 27.8 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 5.29 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी।
खरीफ की प्रमुख फसल धान की रोपाई चालू सीजन में 23.2 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 25 लाख हैक्टेयर में हुई थी। गन्ने की बुवाई 41.5 लाख हैक्टेयर में और कपास की बुवाई 34.8 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है।.....आर एस राणा
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