आर एस राणा
दलहल आयात बढ़ाने पर जोर देगी सरकार
नई दिल्ली। दलहन की कीमतों में चल रही तेजी रोकने के लिए केंद्र सरकार सक्रिय हो गई है। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर उचित कदम उठाने की मांग की है, साथ ही दालों का आयात बढ़ाने पर भी जोर देगी सरकार।
केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहां कि दलहन की कीमतों में आई तेजी को लेकर सरकार चितिंत है। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर दलहन की कीमतों में तेजी रोकने के लिए उचित कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि दालों की कीमतों में चल रही तेजी को रोकने के लिए केंद्र सरकार हर संभव कदम उठायेगी। सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने दिल्ली में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहां कि दलहल की कीमतों में तेजी को रोकने के लिए केंद्र सरकार आयात बढ़ाने पर जोर देगी। सरकार सार्वजनिक कंपनियों एमएमटीसी, एसटीसी और पीईसी के माध्यम से दालों का आयात करती है।
इससे पहले कृषि सचिव भारत सरकार सिराज हुसैन ने भी बताया था कि दालों की कीमतों में चल रही तेजी रोकने के लिए सरकार ने केंद्रीय पूल से चना और अरहर की बिक्री के लिए राज्यों को पत्र लिखा है। तथा दो राज्यों तेलंगाना और तमिलनाडु ने दालों की खरीद में रुचि दिखाई है।
कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2014-15 में देष में दालों की पैदावार घटकर 173.8 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसकी रिकार्ड पैदावार 192.5 लाख टन की हुई थी। पैदावार में आई कमी के कारण ही वित वर्ष 2014-15 में देष में रिकार्ड 45 लाख टन दालों का आयात हो चुका है।
दलहन कारोबारी दुर्गा प्रसाद ने बताया कि आयातित दालों की कीमतें भी तेज बनी हुई है। आस्ट्रेलिया से आयातित चना के भाव मुंबई पहुंच 4,650 रुपये प्रति क्विंटल हैं जबकि आयातित उड़द के भाव 7,900 रुपये, लेमन अरहर के 7,300 रुपये प्रति क्विंटल मुंबई पहुंच चल रहे हैं। कनाडा की मसूर के भाव मुंबई पहुंच भाव 6,400 से 6,500 रुपये कनाडा की पीली मटर के भाव 2,571 और हरी मटर के 2,800 से 2,900 रुपये प्रति क्विंटल हैं।....आर एस राणा
दलहल आयात बढ़ाने पर जोर देगी सरकार
नई दिल्ली। दलहन की कीमतों में चल रही तेजी रोकने के लिए केंद्र सरकार सक्रिय हो गई है। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर उचित कदम उठाने की मांग की है, साथ ही दालों का आयात बढ़ाने पर भी जोर देगी सरकार।
केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहां कि दलहन की कीमतों में आई तेजी को लेकर सरकार चितिंत है। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर दलहन की कीमतों में तेजी रोकने के लिए उचित कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि दालों की कीमतों में चल रही तेजी को रोकने के लिए केंद्र सरकार हर संभव कदम उठायेगी। सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने दिल्ली में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहां कि दलहल की कीमतों में तेजी को रोकने के लिए केंद्र सरकार आयात बढ़ाने पर जोर देगी। सरकार सार्वजनिक कंपनियों एमएमटीसी, एसटीसी और पीईसी के माध्यम से दालों का आयात करती है।
इससे पहले कृषि सचिव भारत सरकार सिराज हुसैन ने भी बताया था कि दालों की कीमतों में चल रही तेजी रोकने के लिए सरकार ने केंद्रीय पूल से चना और अरहर की बिक्री के लिए राज्यों को पत्र लिखा है। तथा दो राज्यों तेलंगाना और तमिलनाडु ने दालों की खरीद में रुचि दिखाई है।
कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2014-15 में देष में दालों की पैदावार घटकर 173.8 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसकी रिकार्ड पैदावार 192.5 लाख टन की हुई थी। पैदावार में आई कमी के कारण ही वित वर्ष 2014-15 में देष में रिकार्ड 45 लाख टन दालों का आयात हो चुका है।
दलहन कारोबारी दुर्गा प्रसाद ने बताया कि आयातित दालों की कीमतें भी तेज बनी हुई है। आस्ट्रेलिया से आयातित चना के भाव मुंबई पहुंच 4,650 रुपये प्रति क्विंटल हैं जबकि आयातित उड़द के भाव 7,900 रुपये, लेमन अरहर के 7,300 रुपये प्रति क्विंटल मुंबई पहुंच चल रहे हैं। कनाडा की मसूर के भाव मुंबई पहुंच भाव 6,400 से 6,500 रुपये कनाडा की पीली मटर के भाव 2,571 और हरी मटर के 2,800 से 2,900 रुपये प्रति क्विंटल हैं।....आर एस राणा
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