आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा दलहन की बढ़ती कीमतों पर अंकुष लगाने के उपायों का असर कीमतों पर देखा गया। उत्पादक मंडियों में दलहन की कीमतों में गुरुवार को 100 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई।
दलहन कारोबारी एस उपाध्याय ने बताया कि केंद्र सरकार ने दलहन की कीमतों पर अंकुष लगाने के लिए राज्य सरकारों को पत्र लिखकर जरुरी कदम उठाने की मांग की है, साथ ही आयात बढ़ाने की संभावना भी तलाषी जा रही है। इसका असर गुरुवार को उत्पादक मंडियों में दलहन की कीमतों पर देखा गया। दिल्ली में चना के भाव घटकर 4,600 रुपये, मूंग के भाव 7,000 से 7,100 रुपये, मोठ के भाव 6,800 से 7,000 रुपये, उड़द के भाव 8,250 रुपये और मसूर के भाव 6,700 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
दलहन आयातक फर्म के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि म्यांमार से आयातित दालों के भाव में हल्की नरमी दर्ज की गई। लेमन अरहर के भाव मुंबई में 1,160 डॉलर प्रति टन रहे तथा इसमें 10 डॉलर की गिरावट आई। मूंग पेड़ी सेवा के भाव 1,220 डॉलर, अन्ना मूंग के भाव 1,200 डॉलर प्रति टन रहे। उड़द एफएक्यू के भाव 1,190 डॉलर प्रति टन रहे तथा इसमें 20 डॉलर की गिरावट दर्ज की गई। उड़द एसक्यू के भाव 1,230 डॉलर प्रति टन रहे। उन्होंने बताया कि मौजूदा कीमतों में थोड़ी और गिरावट तो आ सकती है लेकिन भारी गिरावट की संभावना नहीं है।
उपभोक्ता मामले मंत्रालय की माने तो महीने भर में दालों की फूटकर कीमतों में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है। मंत्रालय के अनुसार दिल्ली में महीने भर में जहां मूंग की कीमतों में 4 रुपये प्रति किलो की गिरावट आकर भाव 103 रुपये प्रति किलो रह गए, वहीं मसूर दाल के भाव 94 रुपये प्रति किलो पर स्थिर बने हुए है। चना दाल की कीमतों में इस दौरान 2 रुपये की तेजी आकर गुरुवार को भाव 70 रुपये प्रति किलो हो गए। अरहर दाल के भाव महीने भर में 108 रुपये से बढ़कर 115 रुपये और उड़द दाल के 110 रुपये से बढ़कर 114 रुपये प्रति किलो हो गए।
कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2014-15 में देष में दालों की पैदावार घटकर 173.8 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसकी रिकार्ड पैदावार 192.5 लाख टन की हुई थी। पैदावार में आई कमी के कारण ही वित वर्ष 2014-15 में देष में रिकार्ड 45 लाख टन दालों का आयात हो चुका है।....आर एस राणा
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