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01 अगस्त 2013

आवाज़ स्पेशलः एनएसईएल में क्या हुआ!

एनएसईएल के सभी कॉन्ट्रैक्ट पर तत्काल रोक लग गई है। अब सिर्फ ई सीरिज के कॉन्ट्रैक्ट जारी रहेंगे। इस खबर के बाद एनएसईएल के प्रोमोटर फाइनेंशियल टेक्नोलॉजीज और एमसीएक्स के शेयरों में जबर्दस्त गिरावट देखी गई। फाइनेंशियल टेक का शेयर तो आखिरकार कारोबारी सत्र के अंत में 66 फीसदी गिरावट के साथ 183.6 रुपये पर बंद हुआ। वहीं एमसीएक्स के शेयर में भी 20 फीसदी का निचला सर्किट लगा और ये 512 रुपये पर आ गया। एनएसईएल ने सारे वन डे कॉन्ट्रैक्ट पर रोक लगा दी है। यानि अब एक्सचेंज के प्लेटफॉर्म पर कोई ट्रेड नहीं हो सकता। पहले के हुए सौदों के सेटलमेंट को भी एक्सचेंज ने अगले 15 दिनों के लिए टाल दिया है। इसके अलावा सारे सेटलमेंट को मर्ज कर दिया गया है दरअसल सरकार की सख्ती के बाद पिछले दिनों एनएसईएल ने अपने कामकाज के तरीकों में भारी बदलाव किया था। इसके बाद से एक्सचेंज पर सेटलमेंट को लेकर दिक्कतें आ रही थीं। इन्ही दिक्कतों को दूर करने के लिए एक्सचेंज ने कदम उठाया है। एक्सचेंज का दावा है कि एक बार सेटलमेंट का काम पूरा हो जाने के बाद दोबारा एक्सचेंज पर कामकाज शुरू करने पर विचार किया जाएगा। एनएसईएल के एमडी और सीइओ अंजनी सिन्हा का कहना है कि 15 दिन के बाद एक्सचेंज नया सेटलमेंट कैलेंडर जारी करेगा। हालांकि इस दौरान ई-सीरीज में सौदे होते रहेंगे। हालांकि फाइनेंशियल टेक्नोलॉजीज का कहना है कि कंपनी में कारोबार सामान्य रूप से चल रहा है। कंपनी की एनएसईएल को कोई देनदारी नहीं बनती है। एनएसईएल के मौजूदा स्थिति को सामान्य करने का पूरा भरोसा है। एनएसईएल का कहना है कि फिलहाल कोई फिजिकल स्टॉक नहीं बेचे हैं। 6,200 करोड़ रुपये के फिजिकल स्टॉक मौजूद हैं और 5,500 करोड़ रुपये के फिजिकल सौदों का सेटलमेंट होना बाकी है। एक्सचेंज के पास 800 करोड़ रुपये मौजूद है। साथ ही पे-इन और पे-आउट की तारीखों का ऐलान शुक्रवार को करेंगे। एनएसईएल ने बताया कि डिलीवरी पीरियड को लेकर किसी तरह का असमंजस नहीं है। एक्सचेंज में आनंद राठी, मोतीलाल ओसवाल, इंडिया इंफोलाइन समेत 5 बड़े ब्रोकरेज हाउसों का सबसे ज्यादा एक्सपोजर है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि एनएसईएल में 250 करोड़ रुपये का एक्सपोजर है, लेकिन निवेशकों को डरने की जरूरत नहीं है। कॉरपोरेट और एचएनआई का पैसा एनएसईएल में लगा है। एनएसईएल के डिफॉल्ट की उम्मीद नहीं है। दरअसल एक्सचेंज में सिस्टम बदलने से निवेशक नाराज हैं। वहीं इंडिया इंफोलाइन के चेयरमैन निर्मल जैन ने कहा कि एनएसईएल में आईआईएफएल का कोई एक्सपोजर नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि जिन निवेशकों ने एनएसईएल में पैसे लगाएं हैं, उनको पैसे वापस मिल जाएंगे। असित सी मेहता की एमडी दीना मेहता का कहना है कि पे-आउट नहीं होने से निवेशकों में डर में है, लेकिन निवेशकों को डरने की जरूरत नहीं है। एनएसईएल के कॉन्ट्रैक्ट को लेकर सवाल उठे जिससे निवेशक घबरा गए हैं। हालांकि एनएसईएल में निवेशकों का निवेश डूबने की कोई गुंजाइश नहीं है। (Money control.com)

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