मुंबई November 17, 2010
ऊंची कीमत के बावजूद इस साल सोने की मांग रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की संभावना है। इस धातु की आंतरिक कीमत और निवेश पर ज्यादा रिटर्न मिलने की वजह से उपभोक्ताओं का इसके प्रति भरोसा चौंकाने वाला रहा है और यही कारण है कि सोने की मांग रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकती है। वैश्विक आर्थिक गिरावट के पूर्व साल 2007 में कुल मिलाकर 750 टन सोने की मांग दर्ज की गई थी। तीसरी तिमाही में सोने की मौजूदा औसत कीमत में डॉलर के हिसाब से 44 फीसदी की उछाल आई है और रुपये के हिसाब से यह बढ़ोतरी 105 फीसदी है।वल्र्ड गोल्ड काउंसिल के प्रबंध निदेशक (एशिया प्रशांत) अजय मित्रा ने तीसरी तिमाही में सोने की मांग की घोषणा करते हुए कहा - अगर उपभोक्ता का उत्साह अगले एक से डेढ़ महीने तक जारी रहता है तो सोने की मांग साल 2007 के स्तर को पार कर जाएगी।सोना और हीरा जडि़त आभूषणों के प्रति मध्य वर्ग की बढ़ती रुचि की बदौलत मौजूदा साल की तीसरी तिमाही में इस कीमती धातु की मांग 27 फीसदी बढ़कर 229.5 टन (41823 करोड़ रुपये) पर पहुंच गई है जबकि पिछले साल इस अवधि में 179.6 टन सोने की मांग रही थी। इस तिमाही में आभूषणों की मांग में 36 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और यह 184.5 टन पर जा पहुंचा है जबकि एक साल पहले यह 135.2 टन था। रुपये के हिसाब से मांग 33800 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है, जो साल 2009 के मुकाबले 67 फीसदी ज्यादा है।तीसरी तिमाही में देश में शुद्ध खुदरा निवेश 45.1 टन पर पहुंच गया, जो साल 2009 की समान अवधि के मुकाबले एक फीसदी ज्यादा है। रुपये के हिसाब से हालांकि मांग 8023 करोड़ रुपये पर पहुंच गई और 2009 की समान अवधि के मुकाबले इसमें 30 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है। यह बढ़ोतरी खुदरा निवेशकों की उन उम्मीदों को प्रतिबिंबित करता है कि अभी कीमतों में और बढ़ोतरी होगी। मौजूदा निवेशक इस उम्मीद में अपना निवेश बनाए हुए हैं कि लंबी अवधि में उन्हें बेहतर रिटर्न मिलेगा। इस्तेमाल किए गए आभूषण की बिक्री इस तिमाही की शुरुआत में अच्छी थी और यह 25 टन पर पहुंच गई जबकि पिछले साल यह 18 टन था और पिछली तिमाही में 20 टन।वल्र्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक, समीक्षाधीन तिमाही के दौरान सोने का कुल आयात 214 टन पर पहुंच गया जबकि साल 2009 की समान अवधि में यह 176 टन था और मौजूदा साल की पहली तिमाही में 160 टन था। मित्रा ने कहा कि ऐसे समय में जब इस बात पर बहस चल रही थी कि क्या उच्च कीमत के बाद भी उपभोक्ताओं के बीच निवेश की खातिर सोना प्राथमिकता वाले विकल्प के तौर पर बना रहेगा, पर यह मांग के हमारे अनुमान से काफी आगे चला गया है। जनवरी-सितंबर की अवधि में भारत में सोने की मांग में 79 फीसदी की बढ़त आई है और यह 650.4 टन पर पहुंच गया है जबकि पिछले साल इस अवधि में 363 टन की मांग थी। यह आंकड़ा बताता है कि मांग में काफी तेजी आई है।मौजूदा साल की पहली तीन तिमाही में सोने का आयात 624 टन का रहा और साल 2009 के मुकाबले यह 65 टन ज्यादा है। पहले नौ महीने में स्वर्ण आभूषण की मांग में 73 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और यह 513.5 टन पर जा पहुंचा जबकि साल 2009 में यह 297.2 टन था। कीमत के हिसाब से मांग में पिछले साल के मुकाबले 105 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और यह 89453 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। जनवरी-सितंबर के दौरान सोने में निवेश में 108 फीसदी की बढ़त आई और यह 136.9 फीसदी पर पहुंच गया जबकि साल 2009 की समान अवधि में यह 65.8 टन रहा था। पिछले पांच साल में उपभोक्ताओं को इसमें औसतन 21-24 फीसदी का रिटर्न मिला है और निवेश के दूसरे गंतव्यों के मुकाबले यह ज्यादा है। (BS Hindi)
18 नवंबर 2010
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