मुंबई November 23, 2010
अक्टूबर माह में चीन में विभिन्न धातुओं के साथ-साथ कृषि जिंसों के आयात में गिरावट आई है, इस तरह की स्थिति कई महीने बाद देखने को मिली है। अर्थव्यवस्था में नरमी लाने और महंगाई पर लगाम कसने के लिए चीनी अधिकारियों द्वारा उठाए गए कदमों के नकारात्मक असर का डर ही आयात में गिरावट की मुख्य वजह है। चीन सरकार पिछले एक महीने से सख्ती की बात कर रही थी और पिछले हफ्ते इसने बैंकों के लिए रिजर्व की अनिवार्यता को बढ़ा दिया था।आयात में गिरावट का असर जिंसों की कीमतों पर पड़ा क्योंकि पिछले कुछ हफ्तों केदौरान ज्यादातर जिंसों में 6-10 फीसदी तक की गिरावट आई है। हालांकि इस गिरावट की वजह चीन द्वारा दरें बढ़ाए जाने का डर था और बाद में जब चीन ने बैंकों के लिए रिजर्व की अनिवार्यता में इजाफा किया तो कीमतें ढलान पर आ गईं।दो साल केसर्वोच्च स्तर पर पहुंचने के बाद ज्यादातर जिंसों में 11 नवंबर से गिरावट शुरू हो गई थी और यह सोमवार तक जारी रही। इस गिरावट के पीछे चीन सरकार द्वारा उठाए जाने वाले कदमों का भय काम कर रहा था। उस समय से लेकर अब तक तांबे में 5.8 फीसदी, एल्युमीनियम में 7.4 फीसदी, सीसे में 14 फीसदी और कच्चे तेल में 6.4 फीसदी की गिरावट आई है। मंगलवार को जिंसों की कीमतें 2-3 फीसदी तब और लुढ़ गई जब दक्षिण कोरिया ने दक्षिण कोरिया के एक द्वीप पर गोलीबारी की।चीन प्राथमिक एल्युमीनियम का शुद्ध आयातक रहा है, हालांकि उच्च निर्यात केबाद इसका वॉल्यूम 60 फीसदी से ज्यादा गिरा है। चीन में अभी भी एल्युमीनियम का उत्पादन गिरावट का रुख दिखा रहा है। पिछले साल के मुकाबले चीन में प्राथमिक एल्युमीनियम की खपत में 5 फीसदी की गिरावट आई है। सितंबर महीने के मुकाबले परिष्कृत तांबे का आयात 30 फीसदी गिरा है और यह अक्टूबर 2009 के बाद का न्यूनतम स्तर है। जस्ते का आयात भी एक महीने पहले के मुकाबले 24 फीसदी गिरा है। अक्टूबर महीने में चीन आश्चर्यजनक रूप से परिष्कृत सीसे का शुद्ध निर्यातक बन गया था और अप्रैल 2010 के बाद ऐसा पहली बार देखा गया था। सितंबर के मुकाबले आयात आधा हो गया है जबकि इस अवधि में निर्यात में 66 फीसदी की उछाल आई । (BS Hindi)
24 नवंबर 2010
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