हैदराबाद November 28, 2010
इस साल कपास निर्यात का लक्ष्य हासिल करने में मुश्किलें पेश आ सकती हैं। केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, गुजरात और महाराष्ट्र में हुई असमय बारिश के साथ-साथ आंध्र प्रदेश में आई बाढ़ ने इस साल कपास उत्पादन के आकलन में भारी फेरबदल कर दिया है।कपड़ा मंत्रालय के संयुक्त सचिव (कपास) वी. श्रीनिवास ने कहा - मंत्रालय का अनुमान है कि 15 दिसंबर तक की समयसीमा में निर्यात का आंकड़ा 25 लाख गांठ (एक गांठ में 170 किलोग्राम) पहुंचने की संभावना है जबकि कुल 55 लाख गांठ कपास के निर्यात की अनुमति दी गई है। मौजूदा अनुमति के तहत कपास निर्यातक को 15 दिसंबर तक निर्यात करना है।हैदराबाद में एकीकृत टेक्सटाइल पार्क की योजना की खातिर आयोजित रोडशो के दौरान मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा - कपड़ा मंत्रालय को कपास सलाहकार बोर्ड की बैठक आयोजित करने की दरकार है और इस बाबत इंतजार करने की भी कि कपास की कितनी मात्रा निर्यात की जाएगी। उन्होंने कहा - लगता है कि कुल कपास निर्यात करीब 25 लाख गांठ का होगा। उन्होंने हालांकि कहा कि कारोबारी निकाय को लगता है कि कुल निर्यात 20 लाख गांठ का हो सकता है, जो उचित लग रहा है।श्रीनिवास ने कहा कि केंद्र कपड़ा मंत्रालय ने पहले ही निर्यात के लिए 55 लाख गांठ की अधिकतम सीमा तय कर दी है। मंत्रालय ने यह सीमा इस सीजन में कपास की बंपर पैदावार के अनुमान के बाद तय की थी। उन्होंने कहा कि निर्यातकों के लिए अनुबंध पूरा करना मुश्किल नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि घरेलू के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में कपास के उत्पादों की किल्लत की वजह से इसकी कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। इस मौकेपर केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री पी. लक्ष्मी ने कहा कि केंद्र ने देश के विभिन्न इलाकों के लिए 40 एकीकृत टेक्सटाइल पार्क को मंजूरी दी है और मौजूदा समय में इन पार्कों में से 25 का संचालन हो रहा है। उन्होंने कहा कि टेक्सटाइल पार्क के विकास पर 20 हजार करोड़ के निवेश का अनुमान है और केंद्र सरकार ने 1400 करोड़ रुपये देने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि 25 पार्क फिलहाल संचालित हो रहे हैं और बाकी अगले साल तक संचालित होंगे। (BS Hindi)
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