नई दिल्ली November 11, 2010
अगस्त 2010 में पेश प्राइवेट एंटरप्रेन्योर गारंटी स्कीम को संशोधित और इसे ज्यादा उदार बनाए जाने के बाद भारतीय खाद्य निगम को निजी खिलाडिय़ों की तरफ से बेहतर समर्थन मिलने लगा है। पहले पेश योजना के तहत एफसीआई 7 साल की लीज गारंटी दे रहा था। लेकिन यह पंजाब और हरियाणा में निजी खिलाडिय़ों को आकर्षित करने में नाकाम रहा था। इसको देखते हुए एफसीआई ने बाद में इसमें संशोधित करते हुए लीज गारंटी की अवधि को बढ़ाकर 10 साल कर दिया।हरियाणा में बोली लगाने की प्रक्रिया 17 सितंबर 2010 को शुरू हुई और अब तक कुल 467 टेंडर मिले हैं जिसके तहत राज्य में कुल 1.20 करोड़ टन क्षमता का विस्तार संभव हो सकेगा। इनमें से करीब 39 लाख टन क्षमता विस्तार को स्वीकृति मिल चुकी है जबकि अन्य टेंडरों की जांच का काम चल रहा है। पंजाब में टेंडर भरने का समय 29 जुलाई को शुरू हुआ था। यहां एफसीआई को कुल 532 आवदेन मिले हैं। जिसके तहत यहां कुल 1.01 करोड़ टन क्षमता का विस्तार संभव हो सकेगा। अंतिम मंजूरी के लिए फिलहाल 311 साइटों पर जांच का काम चल रहा है। पूर्व योजना के तहत निजी खिलाडिय़ों ने उत्साह नहीं दिखाया था। इसका कारण यह था कि दोनों राज्यों में जमीन की बढ़ती कीमतों और इसके लिए जमीन के अभाव के चलते निजी खिलाडिय़ों को लीज गारंटी की अवधि रास नहीं आई थी। इसके बाद एफसीआई की ओर से लीज गारंटी स्कीम की अवधि 7 साल से बढ़ाकर 10 साल किए जाने से निजी क्षेत्र को काफी हद तक बढ़ी कीमतों से राहत मिल सकती है। नए दिशा निर्देशों के तहत पहले 5,000 टन के लिए भूमि की जरूरत 3 एकड़ से घटाकर 2 एकड़ कर दी गई। इसके बाद अतिरिक्ति 5,000 टन के लिए भी जमीन की जरूरत 2 एकड़ से घटाकर 1.7 एकड़ कर दी गई। इसके अलावा निजी संस्थान भी नए दिशा-निर्देशों के तहत इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। पहले पेश योजना के दिशा-निर्देशों के तहत हरियाणा में 3-4 माह की अवधि में कुल 43 लाख टन क्षमता विस्तार के लिए टेंडर प्राप्त हुए थे। पंजाब में यह आंकड़ा केवल 51 लाख टन रहा था। एफसीआई की उच्च स्तरीय समिति के द्वारा निजी खिलाडिय़ों द्वारा भरे गए टेंडर्स की चांज के बाद ही इसे अंतिम स्वीकृति प्रदान की जाएगी। नई योजना के तहत एफसीआई की उच्च स्तरीय समिति ने 19 राज्यों में अब तक कुल 1.58 करोड़ टन क्षमता विस्तार के आवेदनों को स्वीकृति दे दी है। इसमें मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु आदि राज्य शामिल हैं। एफसीआई का अनुमान है कि चालू कारोबारी साल के अंत तक अनाज भंडारण क्षमता में उल्लेखनीय विस्तार संभव हो सकेगा। नई योजना को कई राज्यों में लोगों का अच्छा समर्थन मिल रहा है ऐसे में एफसीआई इससे काफी आशान्वित है। केंद्रीय माल गोदाम निगम (सीडब्ल्यूसी) भी मार्च 2011 तक अपनी भंडारण क्षमता 3,00,000 टन बढ़ाने जा रहा है। इसमें से करीब 97,000 टन क्षमता का विस्तार अब तक किया जा चुका है। (BS Hindi)
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