नई दिल्ली November 09, 2010
नई आवक का असर गुड़ की कीमतों पर दिखने लगा है। कारोबारियों के मुताबिक नई आवक होने से दो सप्ताह में गुड़ के दाम करीब 14 फीसदी तक घट चुके हैं। उनके मुताबिक अगले कुछ दिनों तक गुड़ की कीमतों में और कमी आ सकती है। इस बार गन्ने का रकबा बढऩे से गुड़ के उत्पादन में भी इजाफा होने की संभावना है।दो सप्ताह के दौरान उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर स्थित एशिया की सबसे बड़ी गुड़ मंडी में गुड़ चाकू के दाम 150 रुपये घटकर 930-980 रुपये और रसकट गुड़ के दाम 850-860 रुपये प्रति कट्टा (40 किलोग्राम) रह गए हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बाजार में भी गुड़ चाकू के दाम 500-600 रुपये घटकर 2400-2450 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गए हैं।फेडरेशन ऑफ गुड़ ट्रेडर्स मुजफ्फरनगर के अध्यक्ष अरुण खंडेलवाल ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि मंडी में रोजाना करीब 15 हजार कट्टे गुड़ की नई आवक हो रही है। खंडेलवाल ने बताया कि नई आवक के दबाव में गुड़ की कीमतों में 150 रुपये प्रति कट्टे की गिरावट आई है। मुजफ्फरनगर के ही गुड़ कारोबारी हरिशंकर मूंदड़ा भी नई आवक के कारण गुड़ की कीमतों में गिरावट से इत्तेफाक रखते हैं। वह बताते है कि गुड़ की आवक लगातार बढ़ रही है। इसके दबाव में ही गुड़ की कीमतें घट रही हैं।
और नीचे आएंगे दाम खंडेलवाल का कहना है कि आने वाले दिनों में गुड़ की कीमतों में अभी और मंदी के आसार हैं। बाजार में आवक बढऩे से दाम और नीचे आ सकते हैं। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गन्ने के राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) में की गई भारी बढ़ोतरी के खिलाफ चीनी मिलें हाईकोर्ट जाने की सोच रही हैं। ऐसी स्थिति बनने पर गन्ने की खपत गुड़ इक ाइयों में अधिक होने से मंडी गुड़ की आवक में और बढ़ोतरी होने की संभावना है, जिससे दाम और घटेंगे। दिल्ली के गुड़ कारोबारी देशराज अगले कुछ दिनों में गुड़ की कीमतों में 100-150 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट की संभावना जता रहे हैं। कारोबारियों के मुताबिक चीनी मिलों में गन्ने की पेराई जोर पकडऩे के बाद ही गुड़ की कीमतों में इजाफा हो सकता है।
बढ़ा गन्ने का रकबा देश में गन्ने का रकबा बढऩे से इस साल गुड़ उत्पादन में और इजाफा होने की उम्मीद की जा रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल 50.60 लाख हेक्टेयर भूमि में गन्ने की बुआई हुई थी। जबकि पिछले साल केवल 42.02 लाख हेक्टेयर में ही गन्ने की बुआई की गई थी। आवक बढऩे से दाम में और नरमी के संकेत है। पिछले साल 40 लाख कट्टे से अधिक गुड़ का उत्पादन हुआ था। मंडी में इस समय करीब 40 हजार कट्टा पुराने गुड़ का अभी भी स्टॉक बचा हुआ है। (BS Hindi)
10 नवंबर 2010
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