29 नवंबर 2010
मुनाफावसूली से ग्वार और ग्वार गम में गिरावट संभव
हाजिर बाजार ग्वार की कीमतों में 16.6 फीसदी तेजी ग्वार गम के दाम 20 फीसदी तक बढ़ेवायदा बाजारग्वार की कीमतों में 15.5 फीसदी बढ़त ग्वार गम के दाम में 21.9 फीसदी बढ़ोतरी ऊंची कीमतों पर मुनाफावसूली से ग्वार और ग्वार गम की कीमतों में 10 से 12 फीसदी की गिरावट आने की संभावना है। चालू महीने में उत्पादक राज्यों में मौसम खराब होने और स्टॉकिस्टों की सक्रियता बनने से हाजिर बाजार में ग्वार और ग्वार गम की कीमतों में क्रमश: 16.6 फीसदी और 20 फीसदी की तेजी आ चुकी है। इस दौरान वायदा बाजार में इनकी कीमतों में क्रमश: 15.5 फीसदी और 21.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। चालू सीजन में ग्वार का उत्पादन बढ़कर एक करोड़ बोरी होने का अनुमान है। हरियाणा और राजस्थान में मौसम साफ हो गया है इसीलिए आगामी आठ-दस दिनों में उत्पादक मंडियों में ग्वार की आवक का दबाव बनने की संभावना है। जिससे गिरावट को बल मिलेगा। वायदा में मुनाफावसूली संभव नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) पर भाव काफी बढ़ गए हैं इसीलिए निवशकों की मुनाफावसूली आ सकती है। चालू महीने में एनसीडीईएक्स पर दिसंबर महीने के वायदा अनुबंध में ग्वार की कीमतें 15.5 फीसदी और ग्वार गम की कीमतें 21.9 फीसदी बढ़ चुकी हैं। पहली नवंबर को दिसंबर महीने के वायदा अनुबंध में ग्वार का भाव 2,155 रुपये प्रति क्विंटल था जो शुक्रवार को बढ़कर 2,490 रुपये क्विंटल हो गया। इस दौरान दिसंबर महीने के वायदा अनुबंध में ग्वार गम के दाम 4,909 रुपये से बढ़कर 5,988 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। दिसंबर महीने के ग्वार वायदा अनुबंध में 2,480 लॉट के सौदे हुए हैं जबकि ग्वार गम के 13,695 लॉट के सौदे हुए हैं। कमोडिटी विशेषज्ञ रेखा मिश्रा ने बताया कि राजस्थान में मौसम साफ हो गया है इसीलिए अगले आठ-दस दिनों में आवक बढ़ जायेगी जिससे ग्वार की कीमतों में करीब 10 फीसदी की गिरावट आने की संभावना है। ग्वार उत्पादन तीन गुना होने का अनुमान हरियाणा ग्वार गम एंड केमिकल के डायरेक्टर सुरेंद्र सिंघल ने बताया कि चालू सीजन में देश में ग्वार का उत्पादन बढ़कर एक करोड़ बोरी से ज्यादा होने का अनुमान है। पिछले साल प्रतिकूल मौसम से देश में ग्वार का उत्पादन घटकर 34-35 लाख बोरी का ही हुआ था। राजस्थान में बारिश और खराब मौसम से ग्वार की आवक नहीं बढ़ पा रही थी लेकिन अब मौसम साफ हो गया है इसीलिए आगामी आठ-दस दिनों में आवक बढ़कर एक लाख बोरी के करीब होने का अनुमान है। हरियाणा में भी आवक 30 से 35 हजार बोरी की हो जायेगी। निर्यात 10 फीसदी बढऩे की संभावना चालू वित्त वर्ष में देश से ग्वार गम के निर्यात में 10 फीसदी की बढ़ोतरी होने का अनुमान है। कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2009-10 में ग्वार गम का 2.18 लाख टन का निर्यात हुआ था। जबकि चालू वित्त वर्ष में निर्यातकों की भारी मांग को देखते हुए ग्वार गम का निर्यात बढ़कर 2.40 लाख टन से ज्यादा होने की संभावना है। इस समय अमेरिका, यूरोप और चीन की मांग अच्छी बनी हुई है। ग्वार गम निर्यात में भारत की हिस्सेदारी करीब 80 फीसदी है। चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों, अप्रैल से सितंबर के दौरान करीब 1.25 लाख टन ग्वार गम का निर्यात हो चुका है। पाकिस्तान में ग्वार की फसल प्रभावित होने से भी निर्यात बढऩे का अनुमान है। हाजिर में गिरावट के आसार जोधपुर स्थित वसुंधरा ट्रेडिंग कंपनी के डायरेक्टर मोहन लाल ने बताया कि प्रतिकूल मौसम से राजस्थान के बीकानेर, बाड़मेर और जैसलमेर में दैनिक आवक सीमित मात्रा में ही हो रही थी लेकिन अब मौसम साफ हो गया है इसीलिए आवक बढ़ेगी। इससे ग्वार की मौजूदा कीमतों में करीब 150-200 रुपये और ग्वार गम की कीमतों में 500 से 600 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आने की संभावना है। (Business Bhaskar....R S Rana)
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