कोच्चि November 07, 2010
लगातार मूसलाधार बारिश की वजह से इस वर्ष अक्टूबर के दौरान प्राकृतिक रबर का उत्पादन 7.6 फीसदी कम रहा, जिससे पहले से ही तेज रबर बाजार को अतिरिक्त उछाल लेने का रास्ता साफ हो गया है। घरेलू बाजार में तेजी का रुझान बना हुआ है और आरएसएस-4 का भाव आज 195 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर जा पहुंचा।रबर बोर्ड की ओर से जारी नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष अक्टूबर में रबर उत्पादन 82,000 टन रहा, जो पिछले साल अक्टूबर में 88,775 टन रहा था।इसके विपरीत इस वर्ष अक्टूबर में रबर का उपभोग बढ़कर 81,500 टन के स्तर पर जा पहुंचा, जबकि पिछले वर्ष इसी महीने 77,950 टन रबर की खपत हुई थी। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि देश में वाहनों की बिक्री बढऩे की वजह से टायर उत्पादन बढ़ा है। अप्रैल से अक्टूबर के दौरान टायर कंपनियों द्वारा प्राकृतिक रबर की खपत में औसत वृद्घि 5 फीसदी रही है। उत्पादन और खपत में असामनता की वजह से पिछले कुछ महीनों से रबर के भाव में वृद्घि की गुंजाईश बढ़ी है। इसके अलावा प्राकृतिक रबर के आयात की खराब स्थिति से भी आपूर्ति पर असर हुआ है। दरअसल प्राकृतिक रबर की कीमतें घरेलू बाजार में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्टï्रीय बाजार में भी तेजी से बढ़ी है और ज्यादातर रबर उत्पादक देशों में उत्पादन कम हो रहा है। यही वजह है कि अंतरराष्टï्रीय बाजार में भी रबर इतना ज्यादा है कि इसका आयात पर विपरीत असर हो रहा है। थाइलैंड और इंडोनेशिया जैसे देशों में भारी बेमौसम बारिश के चलते रबर का उत्पादन प्रभावित हुआ है। भारत में रबर आयात के आंकड़ों पर नजर डालने से साफ पता चलता है कि इसका आयात उतनी तेजी से नहीं बढ़ा है, जितनी तेजी से इसकी खपत में इजाफा हुआ है। वर्ष 2010-11 की अप्रैल-अक्टूबर अवधि में 1,32,724 टन रबर का आयात हुआ, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 1,32,106 टन रबर का आयात हुआ था। मौजूदा वित्त वर्ष के पहले 7 महीनों के दौरान रबर के कुल स्थानीय उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है। रबर बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक इस अवधि में रबर का उत्पादन 4.5 फीसदी बढ़कर 4,57,250 टन रहा, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 4,37,400 टन रबर का उत्पादन हुआ था। (BS hindi)
09 नवंबर 2010
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