16 नवंबर 2010
नए गोदाम बनाने के लिए टेंडर मिलने में आ रही है मुश्किल
वेस्टेज मानक तय न होने से भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को कई राज्यों में टेंडर मिलने में मुश्किलें आ रही हैं। एफसीआई द्वारा भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए नोडल एजेंसी बनाई गई केंद्रीय भंडारण निगम(सीडब्ल्यूसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गोदामें में रखे अनाज में होने वाले नुकसान की कोई मात्रा तय नहीं की गई है। साथ ही परिवहन के दौरान होने वाले नुकसान की मात्रा भी टेंडर में स्पष्ट नहीं की गई है। इसीलिए कई राज्यों में 10 साल की गांरटी योजना स्कीम के तहत पब्लिक प्राइवेट पाटर्नशिप (पीपीपी) के लिए नए गोदाम बनाने में कंपनियां कम रुचि ले रही हैं। उन्होंने बताया कि गोदाम में रखे अनाज में होने वाले नुकसान की मात्रा तय करने और परिवहन के दौरान होने वाले नुकसान की जिम्मेदारी तय करने के लिए खाद्य मंत्रालय को पत्र लिखा गया है। उन्होंने बताया कि केरल में 15 हजार टन की भंडारण क्षमता के गोदामों के लिए निविदा मांग गई थी लेकिन निवेशकों ने कोई टेंडर ही नहीं भरा। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र में भी टेंडर भरने में निवेशकों की रूचि कम है। उधर मध्य प्रदेश में अभी निविदा की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। बिहार में भी दो बार निविदा मांगी जा चुकी है लेकिन निवेशकों से अपेक्षित भंडारण क्षमता की निविदा नहीं मिली हैं। अन्य राज्यों में भी निविदा फिर से मांगी जा रही हैं। एफसीआई ने पीपीपी माडल के तहत 10 साल की गांरटी स्कीम योजना के लिए 164.25 लाख टन की भंडारण क्षमता के लिए नए गोदाम बनाने की मंजूरी दी हुई है। पंजाब और हरियाणा को छोड़ अन्य राज्यों में निवेशकों ने निविदा भरने में दिलचस्पी कम ली है। एफसीआई के सूत्रों के अनुसार पंजाब में 51.25 लाख के गोदाम बनाने है जबकि निविदा 100 लाख टन की प्राप्त हुई है। इसी तरह से हरियाणा में 38.80 लाख टन की भंडारण क्षमता विकसित करनी है। जबकि एक करोड़ बीस लाख टन क्षमता के गोदाम बनाने की निविदा प्राप्त हुई है। अन्य राज्यों उत्तर प्रदेश में 26.81 लाख टन, राजस्थान में 2.60 लाख टन, मध्य प्रदेश में 2.95 लाख टन, केरल में 15 हजार टन, कर्नाटक में 6.36 लाख टन, आंध्रप्रदेश में 5.56 लाख टन, तमिलनाडु में 3.45 लाख टन, महाराष्ट्र में 8.14 लाख टन, छत्तीसगढ़ में 5,000 टन, गुजरात में 3.52 लाख टन, पश्चिम बंगाल में 1.56 लाख टन, झारखंड में 1.75 लाख टन, बिहार में 3 लाख टन, हिमाचल प्रदेश में 1.42 लाख टन, जम्मू-कश्मीर में 3.61 लाख टन, उत्तराखंड में 25 हजार टन, और उड़ीसा में तीन लाख टन की भंडारण क्षमता बढ़ानी है।बात पते कीपंजाब और हरियाणा के छोड़कर यूपी, बिहार जैसे बड़े राज्यों में पीपीपी मॉडल के तहत गोदाम बनाने में निवेशक कम रुचि ले रहे है। केवल हरियाणा में आवश्यकता से ज्यादा गोदाम बनाने की निविदा मिली है। (Business Bhaskar.....R S Rana)
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