12 मार्च 2009
गेहूं-चावल के वायदा कारोबार से पाबंदी हटाने का फैसला अगली सरकार करेगी
नई दिल्ली- महंगाई दर रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच चुकी है, इसके बावजूद गेहूं, चावल, तूर और उड़द के वायदा कारोबार से प्रतिबंध हटने की फिलहाल संभावना नहीं है। इन अनाजों से वायदा कारोबार पाबंदी हटाने का फैसला नई सरकार करेगी। केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है, 'आगामी चुनाव को देखते हुए यूपीए सरकार गेहूं, चावल, तूर और उड़द के वायदा कारोबार पर लगी रोक हटाने का मामला नई सरकार के लिए छोड़ना चाहेगी।' सरकार की पहल पर कमोडिटी बाजार नियामक वायदा बाजार आयोग (फॉरवर्ड मार्केट कमीशन) ने 2007 में चावल, गेहूं, तूर और उड़द के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध लगा दिया था। अधिकारी का कहना है कि चावल में वायदा कारोबार शुरू करने में कोई मुश्किल नहीं है क्योंकि इसमें ज्यादा सौदे नहीं होते थे। हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा, 'अगर कीमतों में फिर बढ़ोतरी होती है तो वायदा कारोबार को दोषी ठहराया जाएगा। ऐसे में यह फैसला नई सरकार को ही करना चाहिए। मई तक केंद्र में नई सरकार के आने की संभावना है।' इस बीच, कमजोर सेंटीमेंट के चलते एग्रीकल्चर कमोडिटीज के टर्नओवर में लगातार कमी आ रही है। वायदा बाजार आयोग के आंकड़ों के अनुसार, 2008-09 वित्त वर्ष में 15 फरवरी तक फार्म कमोडिटीज का टर्नओवर 32 फीसदी तक गिर गया है। 15 फरवरी तक फार्म कमोडिटीज का टर्नओवर 5,29,000 करोड़ रुपए हो गया, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 7,79,000 करोड़ रुपए था। 15 फरवरी को एग्री कमोडिटी एक्सचेंज एनसीडीईएक्स पर कुल वॉल्यूम गिरकर 22,974 करोड़ रुपए हो गया जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 33,607 करोड़ रुपए था। (ET Hindi)
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