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07 मार्च 2009

हफ्ते भर तेजी के बाद बेस मेटल में नरमी

मुंबई : करीब हफ्ते भर से ज्यादा समय तक की तेजी के बाद बेस मेटल की कीमतों में थोड़ी नरमी आई है। इस गिरावट की वजह यह है कि निवेशकों की मुनाफावसूली है। बहरहाल अनुमान है कि लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) में माल के भंडार में गिरावट आने के साथ ही सप्लाई की तुलना में मांग जल्दी ही बढ़ आएगी। कई सालों के उच्चतम स्तर तक पहुंचने के बाद पिछले कुछ महीनों में कॉपर और जिंक की कीमतों में तेज गिरावट दर्ज की गई है। जानकारों का कहना है कि लंबे समय के बाद मांग में बढ़ोतरी होने के संकेत से इन धातुओं की कीमतों में इजाफा हुआ। भारत में डॉलर के मुकाबले रुपए के कमजोर रहने के कारण बेस मेटल की कीमतों में तेजी आई। एंजेल कमोडिटीज के अमर सिंह ने बताया, 'ऐसी हलचल को आप गिरावट के साथ जोड़ सकते हैं। आमतौर पर साल की पहली तिमाही में बेस मेटल की मांग तेज रहती है। इस समय वैश्विक संकेत भी काफी सकारात्मक हैं।' उन्होंने यह भी कहा कि बेस मेटल की कीमतों में यह गिरावट प्रॉफिट बुकिंग के कारण आई है। जानकारों का कहना है कि आने वाले हफ्तों में आधारभूत रूप से सभी धातुओं में मजबूती रहने की संभावना है। आनंद राठी कमोडिटीज के नवनीत दमानी ने बताया कि पिछले छह कारोबारी सत्रों में एलएमई में वारंट कैंसिलेशन बढ़कर 67 फीसदी हो गया है। चीन के स्टेट रिजर्व ब्यूरो ने मेटल की खरीद शुरू कर दी है, जो औद्योगिक गतिविधियों में तेजी का संकेत है। दमानी ने बताया, 'इस समय सभी की निगाह चीन सरकार के सहायता राशि पैकेज की घोषणा पर टिकी हुई है।' जानकारों का कहना है कि अतिरिक्त सहायता राशि पैकेज से इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग परियोजनाओं पर खर्च बढ़ेगा, जो बेस मेटल के लिए सकारात्मक घटनाक्रम होगा। (ET Hindi)

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