गुवाहाटी March 07, 2009
भाग्यलक्ष्मी टी कंपनी (बीटीसी) को गुवाहाटी टी ऑक्शन सेंटर (जीटीएसी) में फर्जीवाड़े के आरोप में एक लाख रुपये का जुर्माना और एक साल तक जीटीएसी में हिस्सेदारी करने से मना कर दिया गया है। इस धांधली की जांच करने के लिए एक विशेष जांच टीम बनाई गई थी।
जीटीएसी के प्रमुख अधिकारियों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि दो गोदामों खेमका टी वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन और लक्ष्मी टी वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन के साथ ईस्टर्न टी ब्रोकर्स को भी इस गैरकानूनी गतिविधि में लिप्त पाया गया और हर एक पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इन दोनों गोदामों का इस्तेमाल छह महीने के लिए नहीं किया जाएगा।
एक अधिकारी ने बताया कि जीटीएसी की बैठक में मुख्य कमेटी ने यह फैसला लिया था जिसकी अध्यक्षता असम के मुख्य सचिव पी. सी. शर्मा ने किया था। बैठक में यह कहा गया है कि बीटीसी अगर 1 लाख रुपये का जुर्माना देने में अक्षम रहेगी तो इसे हमेशा के लिए जीटीएसी में हिस्सा लेने पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।
अधिकारियों का कहना है, 'हमारा उद्देश्य जीटीएसी के सभी प्रतिभागियों को यह संदेश देने का था कि यहां किसी भी धांधली को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इससे खरीदारों का भरोसा भी जीतना था।' इस अधिकारी को ऐसी उम्मीद है कि त्वरित कार्रवाई से खरीदारों का विश्वास फिर से जीता जा सकता है। (BS Hindi)
07 मार्च 2009
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