नई दिल्ली December 07, 2008
चीनी उद्योग का अनुमान है कि गन्ने के रकबे में हुई कमी का चीनी निर्यात के अगले सीजन (2008-09) पर भारी असर पड़ेगा।
उद्योग के मुताबिक, गन्ने के रकबे में 22 फीसदी की कमी होने के चलते चीनी निर्यात महज 20 लाख टन रह जाएगा। हालांकि 2007-08 के निर्यात सीजन में चीनी निर्यात बढ़कर 50 लाख टन तक पहुंचने की उम्मीद जताई गई है। उद्योग का कहना है कि अपने अतिरिक्त भंडार को विदेशों में बेचने के लिए केंद्र सरकार से मदद मिलने से निर्यात में बढ़ोतरी हुई है।चीनी उद्योग के संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 2007-08 सीजन में भारत से चीनी का निर्यात 48 लाख टन की बजाय 49.56 लाख टन रहेगा। उल्लेखनीय है कि 2006-07 के मुकाबले 2007-08 सीजन में चीनी का निर्यात बढ़कर करीब तिगुना हो गया है। तब यानी 2006-07 में देश से केवल 17.28 लाख टन चीनी का निर्यात हुआ था। इस बार लगातार दो सीजनों में गन्ने की बंपर फसल होने से चीनी का जबरदस्त स्टॉक हो गया था। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने तटीय इलाकों में स्थित चीनी मिलों के लिए 1,350 रुपये प्रति टन और सुदूर इलाकों के चीनी मिलों के लिए 1,450 रुपये प्रति टन के निर्यात पैकेज की घोषणा की। हालांकि 2008-09 सीजन में चीनी के निर्यात में उल्लेखनीय गिरावट आ सकती है। हालांकि अगले सीजन के बारे में अनुमान है कि उत्पादन में 22 फीसदी की कमी होने से निर्यात घटकर 20 लाख टन तक आ जाएगा। (BS Hindi)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें