नई दिल्ली December 03, 2008
आखिरकार सरकार ने चना, सोयाबीन तेल, आलू एवं रबर के वायदा कारोबार को फिर से हरी झंडी दे दी। गुरुवार से इन चारों जिंसों का वायदा कारोबार शुरू हो रहा है।
महंगाई दर में हो रही लगातार बढ़ोतरी के मद्देनजर सरकार ने इनके वायदा कारोबार पर रोक लगा दी थी। 30 नवंबर को इस प्रतिबंध की मियाद समाप्त हो गयी थी। इसके बाद देश के तीन प्रमुख कमोडिटी एक्सचेंज मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स), नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) एवं नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एनएमसीई) ने इनके वायदा आरंभ करने के लिए वायदा आयोग के पास आवेदन किया था। एमसीएक्स एवं एनसीडीईएक्स इन चारों जिंसों का वायदा शुरू करने जा रहा है तो एनएमसीई में सिर्फ रबर का वायदा कारोबार होगा। कमोडिटी एक्सचेंज से प्राप्त जानकारी के मुताबिक चने का वायदा आगामी जनवरी से पांच महीनों के लिए होगा।सोया तेल का वायदा जनवरी, फरवरी एवं मार्च के लिए शुरू हो रहा है तो आलू का वायदा मार्च एवं अप्रैल के लिए आरंभ किया जाएगा। एक्सचेंज के मुताबिक चना एवं सोयाबीन तेल के वायदा को लेकर निवेशकों में काफी उत्साह है और माना जा रहा है कि कम से कम इन दोनों के वायदा से कारोबार में 400-500 करोड़ रुपये का इजाफा होगा। गौरतलब है कि नवंबर माह में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले कमोडिटी एक्सचेंज के कारोबार में गिरावट दर्ज की गयी है। एमसीएक्स एवं एनसीडीईएक्स के अधिकारियों के मुताबिक इन जिंसों के वायदा को आरंभ करने की पूरी तैयारी कर ली गयी है।बताया जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से सोयाबीन की हाजिर कीमत में भी तेजी आएगी। फिलहाल सोयाबीन की हाजिर कीमत 1500 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर है जबकि गत जून-जुलाई के दौरान सोयाबीन की कीमत 2600-2800 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गयी थी। चने के थोक कारोबारियों के मुताबिक जनवरी महीने का वायदा होने से इसके भाव भी बढ़ सकते हैं। फिलहाल चना थोक मंडी में 23 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर है। वनस्पति तेल के थोक कारोबारियों ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है।उनका कहना है कि वनस्पति तेल के भाव में फिर से रोजाना उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा। जिंस विशेषज्ञ के मुताबिक आलू के किसानों को इससे लाभ मिलेगा। (BS HIndi)
04 दिसंबर 2008
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