मुंबई।
वायदा कारोबार में 2000 करोड़ रुपए के घोटाले के परदाफाश के बाद फॉरवर्ड
मार्केट कमिशन (एफएमसी) ने सख्त कदम का फैसला लिया है।
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सीएनबीसी आवाज
की एक्सक्यूलिव जानकारी के मुताबिक 9 और कमोडिटी ब्रोकिंग के खिलाफ एफएमसी
जुर्माना लगा सकता है। साथ ही मार्जिन मनी के कानून को और कड़े करने के
अलावा जुर्माने की रकम बढ़ाने की भी तैयारी है।
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सूत्रों
से मिली जानकारी के मुताबिक एफएमसी और स्टॉक एक्सचेंज मिलकर कुल 9
ब्रोकिंग कमोडिटी हाउसेस के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी में है। फिलहाल
जांच चल रही है और अगर यह दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। इन 9
ब्रोकर्स में शामिल है - रेलिगेयर कमोडिटी, मोतीलाल ओसवाल कमोडिटी,
आनंदराठी कमोडिटीज, एम के कॉमट्रेंड आदी। करीबन 9 कमोडिटीज के खिलाफ एफएमसी
जांच कर रहा है। साथ ही दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जा सकती है। माना जा
रहा है कि 31 मई तक अंतिम कार्रवाई इनके खिलाफ कर ली जाएगी। इन पर सबसे
बड़ा आरोप यह है कि अपने क्लाइंट को मार्जिन मनी फंड करते थे। यहां तक कि
इनीशियल मनी लेना भी जरुरी नहीं समझते थे। कई क्लाइंट कुछ मार्जिन मनी देता
था तो उन्हें आंशिक मार्जिन मनी फंड करते थे। यह एक महत्वपूर्ण डेव्लपमेंट
है जो एफएमसी की तरफ से� आने वाले दिनों में देखने को मिल सकता है। इसके
अलावा जो 37 क्लाइंट है। एक्सचेंज ने उनके बैंक अकाऊंट की जानकारी बैंकों
से मांगी है। कई क्लाइंटों ने ग्वार गम और ग्वार सीड़ में बड़ी पोजीशन ली
थी और यह फंड्स कहां से आया। यह पता नहीं चल पा रहा है। अंत में यह तय किया
है कि उनके बैंक अकाउंट से संबंधित जानकारी बैंक से मांग जाए और 37
क्लाइंट्स है। साथ ही साथ 31 कंपनियां और 37 क्लाइंट्स को एफएमसी ने नोटीस
भी जारी किया है। यानी अगले कुछ दिन काफी हलचल भरे होंगे और पूरे वायदा
घोटाले को लेकर काफी चौंकाने वाली चीजें सामने आ सकती है। (Commodity Control)
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