ऐसे हुआ खेल
ग्वार गम की कुल उपलब्धता करीब 6.50 लाख टन
एपीडा ने कहा, 8 माह में 6.70 लाख टन का निर्यात
इसका असर ग्वार सीड और ग्वार गम की कीमतों पर
15 फरवरी से 28 मार्च के दौरान कीमत दोगुनी बढ़ी
वायदा बाजार में कंपनियों ने जमकर चांदी काटी
बड़े ट्रेडिंग हाउसों, स्टॉकिस्टों ने उठाया इसका फायदा
ग्वार सीड और ग्वार गम के वायदा कारोबार में जिस समय कंपनियां आपसी गठजोड़ करके भारी मुनाफा कमा रही थीं, उस समय सरकार ने भी उनका बखूबी साथ निभाया। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन काम कर रहे कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने अप्रैल से नवंबर के दौरान ग्वार गम के निर्यात आंकड़े कुल हुए निर्यात से 2.41 लाख टन बढ़ाकर पेश किए थे। अप्रैल से नवंबर के दौरान कुल निर्यात 4.29 लाख टन का हुआ लेकिन एपीडा ने 7.60 लाख टन के आंकड़े जारी कर दिए।
एपीडा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्हें निर्यात के आंकड़े डायरेक्टर जनरल ऑफ कॉमर्शियल इंटेलीजेंस एंड स्टेटिक्स (डीजीसीआई एंड एस) उपलब्ध कराता है। हम केवल आंकड़ों को सूचीबद्ध करते हैं। अप्रैल से नवंबर के दौरान डीजीसीआई एंड एस ने ग्वार गम निर्यात के आंकड़े 6.70 लाख टन के उपलब्ध कराये थे।
इसलिए निर्यात के आंकड़ों में हेराफेरी एपीडा की तरफ से नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि हमें तो आंकड़ों में गलती का पता अप्रैल से दिसबंर के आंकड़े आने के बाद चला। क्योंकि डीजीसीआई एंड एस ने अप्रैल से दिसंबर के दौरान ग्वार गम के 5.03 लाख टन निर्यात के आंकड़े पेश किए थे।
इसके बाद ही डीजीसीआई एंड एस ने ग्वार गम के अप्रैल से नवंबर के दौरान हुए सही निर्यात आंकड़े 4.29 लाख टन दिए गए। निर्यात आंकड़ों में बढ़ोतरी से वायदा बाजार में ग्वार सीड और ग्वार गम में कंपनियों ने जमकर चांदी काटी। इसका फायदा बड़े ट्रेडिंग हाउसों और स्टॉकिस्टों ने खूब उठाया। ग्वार सीड और ग्वार गम में कंपनियों ने अक्टूबर 2011 से मार्च 2012 के दौरान एनसीडीईएक्स पर कुल करीब 2,000 करोड़ रुपये का भारी मुनाफा कमाया।
चालू सीजन में देश में ग्वार सीड का कुल उत्पादन 1.50 करोड़ क्विंटल का हुआ जबकि 60 से 70 लाख क्विंटल का बकाया स्टॉक बचा हुआ था। एक क्विंटल ग्वार सीड से 30 किलो ग्वार गम बनता है। इस आधार पर ग्वार गम की कुल उपलब्धता करीब 6.50 लाख टन की ही बैठती है। लेकिन एपीडा ने वित्त वर्ष 2011-12 के पहले आठ महीनों अप्रैल से नवंबर के दौरान ही निर्यात आंकड़े बढ़ाकर 6.70 लाख टन पेश कर दिए। इसका असर ग्वार सीड और ग्वार गम की कीमतों पर पड़ा।
ग्वार सीड और ग्वार गम की कीमतों में 15 फरवरी से 28 मार्च के दौरान करीब दोगुनी बढ़ोतरी हुई। एनसीडीईएक्स पर जून महीने के वायदा अनुबंध में 15 फरवरी को ग्वार गम का भाव 49,171 रुपये प्रति क्विंटल था जबकि 28 मार्च को भाव 82,540 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।
इसी तरह से ग्वार सीड का भाव इस दौरान 14,531 रुपये से बढ़कर 25,810 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। (Business Bhaskar...........R S Rana)
ग्वार गम की कुल उपलब्धता करीब 6.50 लाख टन
एपीडा ने कहा, 8 माह में 6.70 लाख टन का निर्यात
इसका असर ग्वार सीड और ग्वार गम की कीमतों पर
15 फरवरी से 28 मार्च के दौरान कीमत दोगुनी बढ़ी
वायदा बाजार में कंपनियों ने जमकर चांदी काटी
बड़े ट्रेडिंग हाउसों, स्टॉकिस्टों ने उठाया इसका फायदा
ग्वार सीड और ग्वार गम के वायदा कारोबार में जिस समय कंपनियां आपसी गठजोड़ करके भारी मुनाफा कमा रही थीं, उस समय सरकार ने भी उनका बखूबी साथ निभाया। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन काम कर रहे कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने अप्रैल से नवंबर के दौरान ग्वार गम के निर्यात आंकड़े कुल हुए निर्यात से 2.41 लाख टन बढ़ाकर पेश किए थे। अप्रैल से नवंबर के दौरान कुल निर्यात 4.29 लाख टन का हुआ लेकिन एपीडा ने 7.60 लाख टन के आंकड़े जारी कर दिए।
एपीडा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्हें निर्यात के आंकड़े डायरेक्टर जनरल ऑफ कॉमर्शियल इंटेलीजेंस एंड स्टेटिक्स (डीजीसीआई एंड एस) उपलब्ध कराता है। हम केवल आंकड़ों को सूचीबद्ध करते हैं। अप्रैल से नवंबर के दौरान डीजीसीआई एंड एस ने ग्वार गम निर्यात के आंकड़े 6.70 लाख टन के उपलब्ध कराये थे।
इसलिए निर्यात के आंकड़ों में हेराफेरी एपीडा की तरफ से नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि हमें तो आंकड़ों में गलती का पता अप्रैल से दिसबंर के आंकड़े आने के बाद चला। क्योंकि डीजीसीआई एंड एस ने अप्रैल से दिसंबर के दौरान ग्वार गम के 5.03 लाख टन निर्यात के आंकड़े पेश किए थे।
इसके बाद ही डीजीसीआई एंड एस ने ग्वार गम के अप्रैल से नवंबर के दौरान हुए सही निर्यात आंकड़े 4.29 लाख टन दिए गए। निर्यात आंकड़ों में बढ़ोतरी से वायदा बाजार में ग्वार सीड और ग्वार गम में कंपनियों ने जमकर चांदी काटी। इसका फायदा बड़े ट्रेडिंग हाउसों और स्टॉकिस्टों ने खूब उठाया। ग्वार सीड और ग्वार गम में कंपनियों ने अक्टूबर 2011 से मार्च 2012 के दौरान एनसीडीईएक्स पर कुल करीब 2,000 करोड़ रुपये का भारी मुनाफा कमाया।
चालू सीजन में देश में ग्वार सीड का कुल उत्पादन 1.50 करोड़ क्विंटल का हुआ जबकि 60 से 70 लाख क्विंटल का बकाया स्टॉक बचा हुआ था। एक क्विंटल ग्वार सीड से 30 किलो ग्वार गम बनता है। इस आधार पर ग्वार गम की कुल उपलब्धता करीब 6.50 लाख टन की ही बैठती है। लेकिन एपीडा ने वित्त वर्ष 2011-12 के पहले आठ महीनों अप्रैल से नवंबर के दौरान ही निर्यात आंकड़े बढ़ाकर 6.70 लाख टन पेश कर दिए। इसका असर ग्वार सीड और ग्वार गम की कीमतों पर पड़ा।
ग्वार सीड और ग्वार गम की कीमतों में 15 फरवरी से 28 मार्च के दौरान करीब दोगुनी बढ़ोतरी हुई। एनसीडीईएक्स पर जून महीने के वायदा अनुबंध में 15 फरवरी को ग्वार गम का भाव 49,171 रुपये प्रति क्विंटल था जबकि 28 मार्च को भाव 82,540 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।
इसी तरह से ग्वार सीड का भाव इस दौरान 14,531 रुपये से बढ़कर 25,810 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। (Business Bhaskar...........R S Rana)
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