महंगाई दर
और प्रॉपर्टी मार्केट पर अंकुश को लेकर निवेशकों की चिंता की वजह से साल की
पहली तिमाही के दौरान चीन में सोने की मांग में रिकार्ड तेजी दर्ज की गई
है जबकि पहले सोने की ऊंची कीमत की वजह से इसकी वैश्विक खपत की रुझान सुस्त
रही थी। वल्र्ड गोल्ड कौंसिल (डब्ल्यूसीजी) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी
दी गई।
इंडस्ट्री ग्रुप डब्ल्यूसीजी ने कहा कि सोने की वैश्विक मांग वर्ष 2012 के पहले तीन महीनों के दौरान 5 फीसदी गिरकर 1,097.6 टन पर आ गई। इसकी वजह यह थी कि एक साल पहले की तुलना में औसत कीमतों में लगभग 22 फीसदी की तेजी के कारण ज्वैलरी एवं टेक्नोलॉजी क्षेत्रों ने सोने की खरीद कम की थी, लेकिन निवेश मांग और केंद्रीय बैंक की खरीद ने इसे और नहीं गिरने दिया।
चीन लगातार दूसरी तिमाही के दौरान सोने का दुनिया का शीर्ष कंज्यूमर बना रहा और उसकी गोल्ड कंज्यूमर मांग 10 फीसदी बढ़कर 255.2 टन तक पहुंच गई। इस क्रम में उसने भारत के 207.6 टन की मांग को पीछे छोड़ दिया जिसमें साल के दौरान 29 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी।
डिस्पोजेबल आय गिरने से सोने की मांग सुस्त
मुंबई दुनिया के सबसे बड़े खरीदार भारत में सोने की मांग के नरम बने रहने की उम्मीद हैै। वल्र्ड गोल्ड कौंसिल (डब्ल्यूसीजी) के भारत एवं मिडल ईस्ट के प्रबंध निदेशक अजय मित्रा ने कहा कि ऊंची महंगाई दर के कारण लोगों की डिस्पोजेबल आय में कमी आई है जिसकी वजह से सोने की मांग सुस्त बनी रह सकती है। 2011 में देश में सोने की मांग 933.4 टन की रही थी।
साल की पहली तिमाही के दौरान भारत के विशाल गोल्ड ज्वैलरी मार्केट में 19 फीसदी की गिरावट आई जबकि बेहद उतार चढ़ाव से भरे और कमजोर रुपये के दबाव के कारण निवेश मांग 46 फीसदी लुढ़क गया। (Business Bhaskar)
इंडस्ट्री ग्रुप डब्ल्यूसीजी ने कहा कि सोने की वैश्विक मांग वर्ष 2012 के पहले तीन महीनों के दौरान 5 फीसदी गिरकर 1,097.6 टन पर आ गई। इसकी वजह यह थी कि एक साल पहले की तुलना में औसत कीमतों में लगभग 22 फीसदी की तेजी के कारण ज्वैलरी एवं टेक्नोलॉजी क्षेत्रों ने सोने की खरीद कम की थी, लेकिन निवेश मांग और केंद्रीय बैंक की खरीद ने इसे और नहीं गिरने दिया।
चीन लगातार दूसरी तिमाही के दौरान सोने का दुनिया का शीर्ष कंज्यूमर बना रहा और उसकी गोल्ड कंज्यूमर मांग 10 फीसदी बढ़कर 255.2 टन तक पहुंच गई। इस क्रम में उसने भारत के 207.6 टन की मांग को पीछे छोड़ दिया जिसमें साल के दौरान 29 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी।
डिस्पोजेबल आय गिरने से सोने की मांग सुस्त
मुंबई दुनिया के सबसे बड़े खरीदार भारत में सोने की मांग के नरम बने रहने की उम्मीद हैै। वल्र्ड गोल्ड कौंसिल (डब्ल्यूसीजी) के भारत एवं मिडल ईस्ट के प्रबंध निदेशक अजय मित्रा ने कहा कि ऊंची महंगाई दर के कारण लोगों की डिस्पोजेबल आय में कमी आई है जिसकी वजह से सोने की मांग सुस्त बनी रह सकती है। 2011 में देश में सोने की मांग 933.4 टन की रही थी।
साल की पहली तिमाही के दौरान भारत के विशाल गोल्ड ज्वैलरी मार्केट में 19 फीसदी की गिरावट आई जबकि बेहद उतार चढ़ाव से भरे और कमजोर रुपये के दबाव के कारण निवेश मांग 46 फीसदी लुढ़क गया। (Business Bhaskar)
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