मुंबई।
सरकार अनाज रखने की जगह की भारी कमी से परेशान होकर सब्सिडी देकर अनाज
एक्सपोर्ट करने पर विचार कर रही है। जिससे करीब 8 हजार करोड़ रुपए तक का
सब्सिडी का बोझ झेलना पड़ सकता है।
�
सूत्रों
से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार अपने स्टोरेज की कमी से परेशान होकर अब
अनाज को ज्यादा से ज्यादा मात्रा में एक्सपोर्ट करना चाहती है। यह शुरुआती
प्रस्ताव बना है। इसके मुताबिक 100 लाख टन गेहूं एक्सपोर्ट करने पर सरकार
विचार कर रही है। हालांकि एक्सपोर्ट कैसे होगा, इसकी संभावना सरकार तलाश
रही है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं घरेलू बाजार के मुकाबले
सस्ता है।
�
अंतरराष्ट्रीय
बाजार में गेहूं करीबन 7.86 रुपए प्रति किलो घरेलू बाजार के मुकाबले सस्ता
है। ऐसे में एक्सपोर्ट करना मुश्किल है। इसलिए सरकार दो विकल्पों पर विचार
कर रही है। पहला विकल्प यह है कि सरकारी गोदामों में गेहूं रखा है, उसे
एक्सपोर्ट किया जाए और उस पर सब्सिडी दी जाए। अगर सरकार 100 लाख टन गेहूं
एक्सपोर्ट करने पर सब्सिडी देती है तो 7735 करोड़ रुपए तक की सब्सिडी का
बोझ सरकार को तुरंत झेलना पड़ेगा। जो सरकार के लिए काफी मायूसी वाली बात
होगी, क्योंकि सरकार एक तरफ वित्तिय घाटे से परेशान है तो दूसरी तरफ अनाज
के बंपर उत्पादन के बावजूद सरकार को सब्सिडी देकर अनाज बाहर भेजना पड़ रहा
है। हालांकि, दूसरा विकल्प एक और है कि जिस पर वाणिज्य मंत्रालय खास तौर पर
प्रस्ताव तैयार कर रहा है। वह यह है कि निजी कंपनियों, प्राइवेट पार्टीयों
को गेहूं एक्सपोर्ट करने की छूट दी जाए। जबकि छूट पहले से है, लेकिन
अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं सस्ता होने की वजह से एक्सपोर्ट नहीं हो पा
रहा है। उन्हें खास तौर पर कुछ रियायतें दी जाए ताकि वह सस्ती दरों पर
गेहूं एक्सपोर्ट कर सके। इन दो विकल्पों पर विचार किया जा रहा है और जल्द
ही प्रधानमंत्री के मुख्य आर्थिक सलाहकार सी.रंगराजन की कमिटी इस पर अंतिम
फैसला लेगी। इस फैसले के बाद प्रस्ताव सरकार के पास रखा जाएगा और सरकार इसे
अंतिम मंजूरी देगी। दरअसल, सरकार के पास बंपर उत्पादन को रखने की जगह नहीं
है और माना जा रहा है कि सरकार जल्द से जल्द इस पर फैसला लेगी। अगले 8-10
दिनों में इस फैसला लिया जा सकता है। सरकार सब्सिडी देकर गेहूं एक्सपोर्ट
करने पर फैसला ले सकती है। (CNBC Aawaj)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें