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29 मई 2012

रिफाइंड तेल के टैरिफ वैल्यू पर मंत्रालयों में मतभेद

सरकार ने रिफाइंड खाद्य तेलों के आयात शुल्क की गणना के लिए टैरिफ वैल्यू बढ़ाने की सिफारिश की है। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि टैरिफ वैल्यू मौजूदा मूल्य के आधार पर तय किया जाना चाहिए और नई टैरिफ वैल्यू के आधार पर 7.5 फीसदी आयात शुल्क लगाया जाना चाहिए। लेकिन उपभोक्ता मामलात मंत्रालय इसका विरोध कर रहा है।

वर्तमान में रिफाइंड खाद्य तेलों के आयात पर टैरिफ वैल्यू 484 डॉलर प्रति टन के आधार पर लगता है जो अंतरराष्ट्रीय बाजार के वर्तमान भाव का करीब 3.5 फीसदी होता है।

यह टैरिफ वैल्यू छह साल पहले तय किया गया था। तब से इसमें बदलाव नहीं किया गया जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में रिफाइंड खाद्य तेलों के दाम काफी बढ़ गए। आरबीडी रिफाइंड तेल के भाव भारतीय बंदरगाह पर सोमवार को 1,055 डॉलर प्रति टन रहे।

उपभोक्ता\ मामले मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वित्त मंत्रालय ने रिफाइंड खाद्य तेलों के आयात पर शुल्क लगाने के लिए टैरिफ वैल्यू में बढ़ोतरी की सिफारिश की है। लेकिन उपभोक्ता मामले मंत्रालय इसका विरोध कर रहा है। उसका मानना है कि इससे घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी आ सकती है। घरेलू खाद्य तेल उद्योग काफी समय से आयातित आरबीडी रिफाइंड तेल के आयात पर टैरिफ वैल्यू में बढ़ोतरी करने की मांग कर रहा है। (Business Bhaskar.....R S Rana)

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