कमोडिटी डेरिवेटिव बाजार नियामक वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) ने सोयाबीन को
नैशनल कमोडिटी ऐंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) पर सबसे अधिक लंबी
अवधि के स्टैगर्ड डिलिवरी अनुबंध के रूप में स्वीकृति दी है। इसके साथ ही
20 जून को समाप्त हो रहे सोयाबीन जून 2012 अनुबंध के विक्रेताओं को
एक्सपायरी तारीख से 28 दिन पहले अपने निपटान निर्णय सौंपने की जरूरत होगी।
अब तक सबसे लंबी अवधि के स्टैगर्ड डिलिवरी अनुबंध जौ, अरंडी, चना, लाल
मिर्च, कॉटनसीड ऑयल केक, धनिया, जीरा, मक्का, शुगर एम 20, गेहूं, आलू,
सरसों, हल्दी, काली मिर्च, रबर, स्टील लॉन्ग, गोल्ड 100 ग्राम और पीवीसी
अनुबंध 15 दिन के लिए थे।
स्टैगर्ड डिलिवरी सिस्टम के संबंध में प्रस्ताव को एक्सपायरी की तारीख के लिए 28 दिन पहले की सीमा के साथ मंजूरी दी गई है और कॉन्ट्रैक्ट एक्सपायरी, जिसमें एक्सपायरी का दिन भी शामिल है, के अंतिम 5 दिनों के दौरान ताजा ओपन पोजीशन की अनुमति नहीं होगी। आयोग ने सोयाबीन में 11 जून 2012 के बाद से अक्टूबर 2012 और नवंबर 2012 एक्सपायरी को लॉन्च किए जाने के लिए भी अनुमति प्रदान की है।
संशोधित व्यवस्था के तहत विक्रेता को अनुबंध की एक्सपायरी के 28 दिन पहले अपने निर्णय को सौंपना होगा जिसे विश्लेषक असंभव बता रहे हैं।
सोयाबीन के लिए हालांकि टेंडर अवधि अनुबंध के निपटान के हर महीने की 5 तारीख को शुरू होगी। यदि 5 तारीख को शनिवार, रविवार या एक्सचेंज में अवकाश का दिन पड़ता है तो टेंडर अवधि अगले कामकाजी दिवस से शुरू होगी। विक्रेता को टेंडर अवधि के दौरान अनुबंध की एक्सपायरी तक किसी भी दिन डिलिवरी का अपना निर्णय लेने का विकल्प होगा और उसके अनुसार प्रक्रिया के अनुरूप खरीदार डिलिवरी ले सकेगा।
यदि टेंडर तारीख टी है तो पे-इन और पे-आउट टी+2 दिन (शनिवार को छोड़ कर) को होंगे। यदि टी+2 दिन शनिवार, रविवार या एक्सचेंज पर छुट्टी का दिन होता है तो बैंक क्लियरिंग, पेन-इन और पे-आउट अगले कामकाजी दिन प्रभावित होगा।
विक्रेता अनुबंध की एक्सपायरी तक टेंडर अवधि के दौरान डिलिवरी देने की अपनी तारीख दे सकते हैं। यदि डिलिवरी से जुड़ा विक्रेता अपनी जिम्मेदारी में विफल रहता है तो उसे एफएमसी दिशानिर्देशों के अनुसार दंडित किया जाएगा। (BS Hindi)
स्टैगर्ड डिलिवरी सिस्टम के संबंध में प्रस्ताव को एक्सपायरी की तारीख के लिए 28 दिन पहले की सीमा के साथ मंजूरी दी गई है और कॉन्ट्रैक्ट एक्सपायरी, जिसमें एक्सपायरी का दिन भी शामिल है, के अंतिम 5 दिनों के दौरान ताजा ओपन पोजीशन की अनुमति नहीं होगी। आयोग ने सोयाबीन में 11 जून 2012 के बाद से अक्टूबर 2012 और नवंबर 2012 एक्सपायरी को लॉन्च किए जाने के लिए भी अनुमति प्रदान की है।
संशोधित व्यवस्था के तहत विक्रेता को अनुबंध की एक्सपायरी के 28 दिन पहले अपने निर्णय को सौंपना होगा जिसे विश्लेषक असंभव बता रहे हैं।
सोयाबीन के लिए हालांकि टेंडर अवधि अनुबंध के निपटान के हर महीने की 5 तारीख को शुरू होगी। यदि 5 तारीख को शनिवार, रविवार या एक्सचेंज में अवकाश का दिन पड़ता है तो टेंडर अवधि अगले कामकाजी दिवस से शुरू होगी। विक्रेता को टेंडर अवधि के दौरान अनुबंध की एक्सपायरी तक किसी भी दिन डिलिवरी का अपना निर्णय लेने का विकल्प होगा और उसके अनुसार प्रक्रिया के अनुरूप खरीदार डिलिवरी ले सकेगा।
यदि टेंडर तारीख टी है तो पे-इन और पे-आउट टी+2 दिन (शनिवार को छोड़ कर) को होंगे। यदि टी+2 दिन शनिवार, रविवार या एक्सचेंज पर छुट्टी का दिन होता है तो बैंक क्लियरिंग, पेन-इन और पे-आउट अगले कामकाजी दिन प्रभावित होगा।
विक्रेता अनुबंध की एक्सपायरी तक टेंडर अवधि के दौरान डिलिवरी देने की अपनी तारीख दे सकते हैं। यदि डिलिवरी से जुड़ा विक्रेता अपनी जिम्मेदारी में विफल रहता है तो उसे एफएमसी दिशानिर्देशों के अनुसार दंडित किया जाएगा। (BS Hindi)
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