सामान्य मानसून से बेहतर पैदावार के प्रबल आसार
बिजनेस भास्कर नई दिल्ली
लगातार तीसरे साल मानसून के सामान्य रहने से जिंसों की बेहतर पैदावार होने का अनुमान है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक एल एस राठौड़ ने बताया कि अभी तक की स्थिति के अनुसार जून के पहले सप्ताह में मानसून के केरल तट पर पहुंचने की संभावना है।
उन्होंने बताया कि मानसून के लिए जिम्मेदार मौसमी कारकों के मुताबिक 'ला-नीनो' स्थिर बना हुआ है। अभी तक की स्थिति के आधार पर ला-नीनो का ज्यादा प्रभाव पडऩे की संभावना नहीं है। हालांकि, ला-नीनो के आंशिक असर को पूरी तरह नकारा नहीं जा सकता तथा यह किस हद तक मानसून को प्रभावित करेगा, इस समय यह कह पाना मुश्किल है। मौसम विशेषज्ञ स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं। विभाग मानसून आने का आधिकारिक पूर्वानुमान अगले आठ-दस दिनों में जारी करेगा। उन्होंने कहा कि आमतौर पर 1 जून को केरल के तट पर मानसून पहुंच जाता है तथा इस बार भी पहले सप्ताह में ही मानसून के केरल के तट पर पहुंचने का अनुमान है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण इस समय देश के कई राज्यों में आंधी या फिर बारिश हो रही है। इससे मानसून के प्रभावित होने की संभावना नहीं है। ये स्थानीय मौसमी घटनाएं हैं। उन्होंने कहा कि अप्रैल महीने में मौसम ठंडा रहने का भी असर मानसून पर नहीं पड़ेगा। कुल मिलाकर वर्ष 2012 के लिए दक्षिण-पश्चिम मानसून (जून से सितंबर) के पूर्वानुमान के अनुसार पूरे देश में सामान्य बारिश होने के आसार नजर आ रहे हैं। यह औसतन 96 से 104 फीसदी तक हो सकती है। 99 प्रतिशत बारिश होने का मतलब अच्छा मानसून होता है। मानसून का दूसरा अनुमान जून में जारी किया जाएगा।
राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. एस सी कार ने बताया कि जून के पहले सप्ताह में केरल में मानसून पहुंचने की संभावना है, जबकि दिल्ली में जून के आखिर में आने का अनुमान है। (Business Bhaskar....R S Rana)
बिजनेस भास्कर नई दिल्ली
लगातार तीसरे साल मानसून के सामान्य रहने से जिंसों की बेहतर पैदावार होने का अनुमान है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक एल एस राठौड़ ने बताया कि अभी तक की स्थिति के अनुसार जून के पहले सप्ताह में मानसून के केरल तट पर पहुंचने की संभावना है।
उन्होंने बताया कि मानसून के लिए जिम्मेदार मौसमी कारकों के मुताबिक 'ला-नीनो' स्थिर बना हुआ है। अभी तक की स्थिति के आधार पर ला-नीनो का ज्यादा प्रभाव पडऩे की संभावना नहीं है। हालांकि, ला-नीनो के आंशिक असर को पूरी तरह नकारा नहीं जा सकता तथा यह किस हद तक मानसून को प्रभावित करेगा, इस समय यह कह पाना मुश्किल है। मौसम विशेषज्ञ स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं। विभाग मानसून आने का आधिकारिक पूर्वानुमान अगले आठ-दस दिनों में जारी करेगा। उन्होंने कहा कि आमतौर पर 1 जून को केरल के तट पर मानसून पहुंच जाता है तथा इस बार भी पहले सप्ताह में ही मानसून के केरल के तट पर पहुंचने का अनुमान है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण इस समय देश के कई राज्यों में आंधी या फिर बारिश हो रही है। इससे मानसून के प्रभावित होने की संभावना नहीं है। ये स्थानीय मौसमी घटनाएं हैं। उन्होंने कहा कि अप्रैल महीने में मौसम ठंडा रहने का भी असर मानसून पर नहीं पड़ेगा। कुल मिलाकर वर्ष 2012 के लिए दक्षिण-पश्चिम मानसून (जून से सितंबर) के पूर्वानुमान के अनुसार पूरे देश में सामान्य बारिश होने के आसार नजर आ रहे हैं। यह औसतन 96 से 104 फीसदी तक हो सकती है। 99 प्रतिशत बारिश होने का मतलब अच्छा मानसून होता है। मानसून का दूसरा अनुमान जून में जारी किया जाएगा।
राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. एस सी कार ने बताया कि जून के पहले सप्ताह में केरल में मानसून पहुंचने की संभावना है, जबकि दिल्ली में जून के आखिर में आने का अनुमान है। (Business Bhaskar....R S Rana)
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