अहमदाबाद
दुनिया के सबसे बड़े गोल्ड कंज्यूमर भारत में बुलियन फ्यूचर
की
ट्रेडिंग
अप्रैल में साल-दर-साल
आधार पर 35
फीसदी कम रही।
इससे पहले
लगातार तीन
महीनों में
कमोडिटी
एक्सचेंज पर
इनके
ट्रेडिंग
वॉल्यूम में
बढ़ोतरी दर्ज
की गई थी।
इस कैलेंडर वर्ष की पहली तिमाही में ट्रेडरों ने जबर्दस्त मुनाफे की उम्मीद में सोना और चांदी में बड़े पैमाने पर हेजिंग की थी, लेकिन अप्रैल में यह ट्रेंड जारी नहीं रह सका। मार्केट रेगुलेटर के आंकड़ों के मुताबिक बुलियन फ्यूचर ट्रेडिंग वॉल्यूम में पिछले साल के मुकाबले जनवरी में 104 फीसदी, फरवरी में 96 फीसदी और मार्च में 85 फीसदी बढ़ोतरी हुई थी।
लेकिन अप्रैल में केवल 5.32 लाख करोड़ रुपए की बुलियन ट्रेडिंग हुई जो कि पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले 35 फीसदी कम है। अप्रैल 2011 में 8.29 लाख करोड़ रुपए की बुलियन ट्रेडिंग हुई थी। उसमें भी 30 अप्रैल को खत्म पखवाडे़ में ट्रेडिंग वॉल्यूम पिछले साल की इसी अवधि के 4.99 लाख करोड़ रुपए के मुकाबले 41 फीसदी गिरकर 2.93 लाख करोड़ रहा।
इसकी तुलना अगर एग्री कमोडिटीज में हुई ट्रेडिंग से करें, तो वहां पिछले साल अप्रैल के 1.14 लाख करोड़ रुपए से 42 फीसदी ज्यादा 1.62 लाख करोड़ रुपए की ट्रेडिंग दर्ज की गई। एंजेल कमोडिटीज के एवीपी बदरुद्दीन खान ने कहा, 'बुलियन में ट्रेडरों की उदासीनता की वजह मौजूदा ईयू संकट, सुस्त अमेरिकी आर्थिक आंकड़े और रुपए में कमजोरी है। भारतीय बाजार में घटता कारोबार भी ट्रेडरों के बीच चिंता की वजह बना हुआ है।'
पिछले दो हफ्तों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में 6 फीसदी की गिरावट आई है और यह दिसंबर 2011 के बाद से चार महीने के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। चांदी की कीमतें पिछले दो हफ्तों में 11.5 फीसदी कम हुई हैं।
ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन के चेयरमैन बछराज बामलवा ने कहा, 'इन सभी महीनों में आयात कम रहा है। ड्यूटी में बढ़ोतरी के कारण कंज्यूमर खरीदारी करने को तैयार नहीं हैं।' दूसरी ओर अनिश्चितता और घटते दाम के कारण बुलियन डीलर भी और सोना खरीदने से बच रहे हैं। उन्होंने कहा, 'तीन हफ्तों की हड़ताल के कारण भी बिजनेस डिस्टर्ब था। लेकिन शादी का मौसम आ रहा है तो आने वाले महीनों में कारोबार के थोड़ा जोर पकड़ने की उम्मीद है।' (ET Hindi)
दुनिया के सबसे बड़े गोल्ड कंज्यूमर भारत में बुलियन फ्यूचर
इस कैलेंडर वर्ष की पहली तिमाही में ट्रेडरों ने जबर्दस्त मुनाफे की उम्मीद में सोना और चांदी में बड़े पैमाने पर हेजिंग की थी, लेकिन अप्रैल में यह ट्रेंड जारी नहीं रह सका। मार्केट रेगुलेटर के आंकड़ों के मुताबिक बुलियन फ्यूचर ट्रेडिंग वॉल्यूम में पिछले साल के मुकाबले जनवरी में 104 फीसदी, फरवरी में 96 फीसदी और मार्च में 85 फीसदी बढ़ोतरी हुई थी।
लेकिन अप्रैल में केवल 5.32 लाख करोड़ रुपए की बुलियन ट्रेडिंग हुई जो कि पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले 35 फीसदी कम है। अप्रैल 2011 में 8.29 लाख करोड़ रुपए की बुलियन ट्रेडिंग हुई थी। उसमें भी 30 अप्रैल को खत्म पखवाडे़ में ट्रेडिंग वॉल्यूम पिछले साल की इसी अवधि के 4.99 लाख करोड़ रुपए के मुकाबले 41 फीसदी गिरकर 2.93 लाख करोड़ रहा।
इसकी तुलना अगर एग्री कमोडिटीज में हुई ट्रेडिंग से करें, तो वहां पिछले साल अप्रैल के 1.14 लाख करोड़ रुपए से 42 फीसदी ज्यादा 1.62 लाख करोड़ रुपए की ट्रेडिंग दर्ज की गई। एंजेल कमोडिटीज के एवीपी बदरुद्दीन खान ने कहा, 'बुलियन में ट्रेडरों की उदासीनता की वजह मौजूदा ईयू संकट, सुस्त अमेरिकी आर्थिक आंकड़े और रुपए में कमजोरी है। भारतीय बाजार में घटता कारोबार भी ट्रेडरों के बीच चिंता की वजह बना हुआ है।'
पिछले दो हफ्तों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में 6 फीसदी की गिरावट आई है और यह दिसंबर 2011 के बाद से चार महीने के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। चांदी की कीमतें पिछले दो हफ्तों में 11.5 फीसदी कम हुई हैं।
ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन के चेयरमैन बछराज बामलवा ने कहा, 'इन सभी महीनों में आयात कम रहा है। ड्यूटी में बढ़ोतरी के कारण कंज्यूमर खरीदारी करने को तैयार नहीं हैं।' दूसरी ओर अनिश्चितता और घटते दाम के कारण बुलियन डीलर भी और सोना खरीदने से बच रहे हैं। उन्होंने कहा, 'तीन हफ्तों की हड़ताल के कारण भी बिजनेस डिस्टर्ब था। लेकिन शादी का मौसम आ रहा है तो आने वाले महीनों में कारोबार के थोड़ा जोर पकड़ने की उम्मीद है।' (ET Hindi)
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