घरेलू बाजार
निर्यातकों व यार्न मिलों की कमजोर मांग के कारण कॉटन की कीमतों में गिरावट बनी हुई है। अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कॉटन का भाव शुक्रवार को घटकर 32,000 से 32,400 रुपये प्रति कैंडी रह गया जबकि आठ मई को इसका भाव 35,200 से 35,500 रुपये प्रति कैंडी था।
विदेशी बाजार
न्यूयॉर्क बोर्ड ऑफ ट्रेड में मई महीने के वायदा अनुबंध में कॉटन की कीमतें सात मई को 84.84 सेंट प्रति पाउंड थी जबकि शुक्रवार को जुलाई महीने के वायदा अनुबंध में
घटकर 73.94 सेंट प्रति पाउंड पर बंद हुई। विश्व बाजार में सालभर में कॉटन की कीमतें 79.94 फीसदी घटी है।
घरेलू बाजार में कॉटन (जिनिंग के बाद तैयार रुई) की कीमतों में गिरावट रुक नहीं रही है। पिछले 20 दिनों में ही उत्पादक मंडियों में कॉटन के दाम करीब 9.5 फीसदी घटे हैं। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमतों में 14.7 फीसदी की भारी गिरावट आई है। विश्व स्तर पर कॉटन का बकाया स्टॉक ज्यादा बचने की संभावना है जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम घटने से निर्यात मांग कमजोर है। इसलिए मौजूदा कीमतों में और भी मंदी की संभावना है।
केसीटी एंड एसोसिएट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर राकेश राठी ने बताया कि वर्ष 2012-13 में विश्व स्तर पर कॉटन का बकाया स्टॉक 737 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) बचने की संभावना है, जो पिछले साल से दस फीसदी अधिक है। चीन की आयात मांग भी कमजोर बनी हुई है जिससे विश्व बाजार में कॉटन के दाम घट रहे हैं। उन्होंने बताया कि न्यूयॉर्क बोर्ड ऑफ ट्रेड में मई महीने के वायदा अनुबंध में कॉटन की कीमतें सात मई को 84.84 सेंट प्रति पाउंड थी जबकि शुक्रवार को जुलाई महीने के वायदा अनुबंध में घटकर 73.94 सेंट प्रति पाउंड पर बंद हुई।
विश्व बाजार में सालभर में कॉटन की कीमतें 79.94 फीसदी घटी है। 24 मई 2011 को न्यूयार्क बोर्ड ऑफ ट्रेड में इसका भाव 153.88 सेंट प्रति पाउंड था। गुजरात जिनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष दलीप पटेल ने बताया कि निर्यातकों के साथ ही यार्न मिलों की कमजोर मांग के कारण कॉटन की कीमतों में गिरावट बनी हुई है।
अहमदाबाद मंडी में शंकर-6 किस्म की कॉटन का भाव शुक्रवार को घटकर 32,000 से 32,400 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) रह गया जबकि आठ मई को इसका भाव 35,200 से 35,500 रुपये प्रति कैंडी था। मुक्तसर कॉटन प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर नवीन ग्रोवर ने बताया कि यार्न की कीमतों में भी गिरावट बनी हुई है।
लुधियाना मार्केट में यार्न का दाम घटकर शुक्रवार को 195-200 रुपये प्रति किलो रह गया। महीने भर में इसकी कीमतों में करीब 10 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। घरेलू मिलों के पास कॉटन का पर्याप्त स्टॉक है जबकि यार्न में निर्यातकों की मांग कमजोर है। कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार वर्ष 2011-12 में कपास का उत्पादन 352 लाख गांठ होने का अनुमान है। जबकि वर्ष 2010-11 में 330 लाख गांठ कपास का उत्पादन हुआ था। (Business Bhaskar.....R S Rana)
निर्यातकों व यार्न मिलों की कमजोर मांग के कारण कॉटन की कीमतों में गिरावट बनी हुई है। अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कॉटन का भाव शुक्रवार को घटकर 32,000 से 32,400 रुपये प्रति कैंडी रह गया जबकि आठ मई को इसका भाव 35,200 से 35,500 रुपये प्रति कैंडी था।
विदेशी बाजार
न्यूयॉर्क बोर्ड ऑफ ट्रेड में मई महीने के वायदा अनुबंध में कॉटन की कीमतें सात मई को 84.84 सेंट प्रति पाउंड थी जबकि शुक्रवार को जुलाई महीने के वायदा अनुबंध में
घटकर 73.94 सेंट प्रति पाउंड पर बंद हुई। विश्व बाजार में सालभर में कॉटन की कीमतें 79.94 फीसदी घटी है।
घरेलू बाजार में कॉटन (जिनिंग के बाद तैयार रुई) की कीमतों में गिरावट रुक नहीं रही है। पिछले 20 दिनों में ही उत्पादक मंडियों में कॉटन के दाम करीब 9.5 फीसदी घटे हैं। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमतों में 14.7 फीसदी की भारी गिरावट आई है। विश्व स्तर पर कॉटन का बकाया स्टॉक ज्यादा बचने की संभावना है जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम घटने से निर्यात मांग कमजोर है। इसलिए मौजूदा कीमतों में और भी मंदी की संभावना है।
केसीटी एंड एसोसिएट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर राकेश राठी ने बताया कि वर्ष 2012-13 में विश्व स्तर पर कॉटन का बकाया स्टॉक 737 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) बचने की संभावना है, जो पिछले साल से दस फीसदी अधिक है। चीन की आयात मांग भी कमजोर बनी हुई है जिससे विश्व बाजार में कॉटन के दाम घट रहे हैं। उन्होंने बताया कि न्यूयॉर्क बोर्ड ऑफ ट्रेड में मई महीने के वायदा अनुबंध में कॉटन की कीमतें सात मई को 84.84 सेंट प्रति पाउंड थी जबकि शुक्रवार को जुलाई महीने के वायदा अनुबंध में घटकर 73.94 सेंट प्रति पाउंड पर बंद हुई।
विश्व बाजार में सालभर में कॉटन की कीमतें 79.94 फीसदी घटी है। 24 मई 2011 को न्यूयार्क बोर्ड ऑफ ट्रेड में इसका भाव 153.88 सेंट प्रति पाउंड था। गुजरात जिनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष दलीप पटेल ने बताया कि निर्यातकों के साथ ही यार्न मिलों की कमजोर मांग के कारण कॉटन की कीमतों में गिरावट बनी हुई है।
अहमदाबाद मंडी में शंकर-6 किस्म की कॉटन का भाव शुक्रवार को घटकर 32,000 से 32,400 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) रह गया जबकि आठ मई को इसका भाव 35,200 से 35,500 रुपये प्रति कैंडी था। मुक्तसर कॉटन प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर नवीन ग्रोवर ने बताया कि यार्न की कीमतों में भी गिरावट बनी हुई है।
लुधियाना मार्केट में यार्न का दाम घटकर शुक्रवार को 195-200 रुपये प्रति किलो रह गया। महीने भर में इसकी कीमतों में करीब 10 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। घरेलू मिलों के पास कॉटन का पर्याप्त स्टॉक है जबकि यार्न में निर्यातकों की मांग कमजोर है। कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार वर्ष 2011-12 में कपास का उत्पादन 352 लाख गांठ होने का अनुमान है। जबकि वर्ष 2010-11 में 330 लाख गांठ कपास का उत्पादन हुआ था। (Business Bhaskar.....R S Rana)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें