सोने के आयात पर लगाम कसने के लिए सरकार कड़े कदम उठा रही है जबकि पिछले एक
साल के दौरान देश से सोने का निर्यात बढ़कर चार गुना हो गया है। लोक सभा
में एक सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री एस एस पलानिमणिक्कम ने बताया
कि वित्त वर्ष 2010-11 में देश से 34.6 टन सोने का निर्यात हुआ था, जो
वित्त वर्ष 2011-12 में बढ़कर 138.5 टन हो गया। वित्त वर्ष 2009-10 में देश
से महज 23 टन सोने का ही निर्यात हुआ था।
हालांकि उद्योग विश्लेषकों का कहना है कि सरकारी आंकड़ों में यह तेजी ज्यादा भी हो सकती है। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवद्र्घन परिषद के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2010-11 में करीब 109 टन का निर्यात हुआ था जबकि वित्त वर्ष 2011-12 में यह बढ़कर 127 टन हो गया है।
लेकिन संकेत हैं कि रुपये में आ रही गिरावट और निर्यात वित्त दरों के ब्याज में अंतर इसका कारण हो सकते हैं। निर्यातकों को निर्यात के बदले सस्ती दर पर ऋण मिलता है और अगर सोने का निर्यात होता है, तो इसमें ज्यादा जोखिम भी नहीं है क्योंकि इसकी खरीद-फरोख्त में काफी मुनाफा होता है। मुद्रा में उतार-चढ़ाव से भी निर्यातकों को मुनाफा कमाने का मौका मिलता है।
सरकार सोने के आयात पर सीमा शुल्क बढ़ाने जैसे कदम उठाकर इसे हतोत्साहित करने की कोशिश कर रही है। 2011-12 के पहले 11 महीनों में देश से सोने का निर्यात 2010-11 के मुकाबले 400 फीसदी बढ़ गया है। 2009-10 में 851 टन सोने का आयात किया गया था, 2010-11 में करीब 970 टन और वित्त वर्ष 2011-12 के पहले 11 महीनों में यह आयात बढ़कर 986 टन हो गया है।
सोने पर आयात शुल्क बढ़ाने के साथ ही सरकार ने प्रवासी भारतीयों द्वारा लाए जाने वाले सोने की मात्रा भी 10 किलोग्राम से घटाकर 1 किलोग्राम कर दी है, जो 18 अप्रैल 2012 से प्रभावी हो गई है। (BS Hindi)
हालांकि उद्योग विश्लेषकों का कहना है कि सरकारी आंकड़ों में यह तेजी ज्यादा भी हो सकती है। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवद्र्घन परिषद के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2010-11 में करीब 109 टन का निर्यात हुआ था जबकि वित्त वर्ष 2011-12 में यह बढ़कर 127 टन हो गया है।
लेकिन संकेत हैं कि रुपये में आ रही गिरावट और निर्यात वित्त दरों के ब्याज में अंतर इसका कारण हो सकते हैं। निर्यातकों को निर्यात के बदले सस्ती दर पर ऋण मिलता है और अगर सोने का निर्यात होता है, तो इसमें ज्यादा जोखिम भी नहीं है क्योंकि इसकी खरीद-फरोख्त में काफी मुनाफा होता है। मुद्रा में उतार-चढ़ाव से भी निर्यातकों को मुनाफा कमाने का मौका मिलता है।
सरकार सोने के आयात पर सीमा शुल्क बढ़ाने जैसे कदम उठाकर इसे हतोत्साहित करने की कोशिश कर रही है। 2011-12 के पहले 11 महीनों में देश से सोने का निर्यात 2010-11 के मुकाबले 400 फीसदी बढ़ गया है। 2009-10 में 851 टन सोने का आयात किया गया था, 2010-11 में करीब 970 टन और वित्त वर्ष 2011-12 के पहले 11 महीनों में यह आयात बढ़कर 986 टन हो गया है।
सोने पर आयात शुल्क बढ़ाने के साथ ही सरकार ने प्रवासी भारतीयों द्वारा लाए जाने वाले सोने की मात्रा भी 10 किलोग्राम से घटाकर 1 किलोग्राम कर दी है, जो 18 अप्रैल 2012 से प्रभावी हो गई है। (BS Hindi)
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