क्षेत्रीय कमोडिटी
एक्सचेंजों की कारोबारी सक्रियता बढ़ाने और उनके कामकाज में पारदर्शिता
लाने के उपाय तलाशने के लिए उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने बुधवार को एक बैठक
बुलाई है। इस बैठक में खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग एवं उपभोक्ता मामले
मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रो. के. वी. थॉमस क्षेत्रीय
एक्सचेंजों के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर विचार विमर्श करेंगे।
मंत्रालय क्षेत्रीय कमोडिटी एक्सचेंजों को लेकर खासा संजीदा है। इस बैठक में उपभोक्ता मामले मंत्रालय के सचिव राजीव अग्रवाल और वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) के चेयरमैन (अतिरिक्त प्रभार) रमेश अभिषेक भी शामिल होंगे।
उपभोक्ता मामले मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बैठक में क्षेत्रीय एक्सचेंजों के कारोबार में पारदर्शिता लाने के साथ ही कारोबार में आ रही परेशानियों को दूर करने पर जोर दिया जाएगा। जिंसों के कुल कारोबार में क्षेत्रीय एक्सचेंजों की भागीदारी इस समय दो फीसदी से भी कम है।
अधिकारी ने बताया कि क्षेत्रीय एक्सचेंज को स्थानीय स्तर पर पैदा होने वाली एक से अधिक जिंसों में कारोबार करने की अनुमति देने पर विचार किया जाएगा। साथ ही क्षेत्रीय एक्सचेंजों को अपने ग्राहकों को ऑनलाइन कारोबार करने की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कहा जाएगा।
हालांकि कारोबार के समूचे सिस्टम को ऑनलाइन करने में काफी ज्यादा लागत आती है।
इस वजह से एक्सचेंजों को आपस में जोड़कर कारोबार करने की अनुमति दी जा सकती है। ज्यादा जिंसों में कारोबार होने और ऑनलाइन कारोबार की सुविधा मिलने से निवेशकों को खासी सहूलियत मिलेगी। इस समय देशभर में 16 क्षेत्रीय एक्सचेंज कारोबार कर रहे हैं। ज्यादातर एक्सचेंजों में मात्र एक या दो जिंसों में ही कारोबार होता है। (Business Bhaskar....R S Rana)
मंत्रालय क्षेत्रीय कमोडिटी एक्सचेंजों को लेकर खासा संजीदा है। इस बैठक में उपभोक्ता मामले मंत्रालय के सचिव राजीव अग्रवाल और वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) के चेयरमैन (अतिरिक्त प्रभार) रमेश अभिषेक भी शामिल होंगे।
उपभोक्ता मामले मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बैठक में क्षेत्रीय एक्सचेंजों के कारोबार में पारदर्शिता लाने के साथ ही कारोबार में आ रही परेशानियों को दूर करने पर जोर दिया जाएगा। जिंसों के कुल कारोबार में क्षेत्रीय एक्सचेंजों की भागीदारी इस समय दो फीसदी से भी कम है।
अधिकारी ने बताया कि क्षेत्रीय एक्सचेंज को स्थानीय स्तर पर पैदा होने वाली एक से अधिक जिंसों में कारोबार करने की अनुमति देने पर विचार किया जाएगा। साथ ही क्षेत्रीय एक्सचेंजों को अपने ग्राहकों को ऑनलाइन कारोबार करने की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कहा जाएगा।
हालांकि कारोबार के समूचे सिस्टम को ऑनलाइन करने में काफी ज्यादा लागत आती है।
इस वजह से एक्सचेंजों को आपस में जोड़कर कारोबार करने की अनुमति दी जा सकती है। ज्यादा जिंसों में कारोबार होने और ऑनलाइन कारोबार की सुविधा मिलने से निवेशकों को खासी सहूलियत मिलेगी। इस समय देशभर में 16 क्षेत्रीय एक्सचेंज कारोबार कर रहे हैं। ज्यादातर एक्सचेंजों में मात्र एक या दो जिंसों में ही कारोबार होता है। (Business Bhaskar....R S Rana)
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